राम मंदिर ट्रस्ट को जमीन सौंपने की कवायद शुरू, हो रही दोबारा पैमाइश

अयोध्या में राम जन्मभूमि की अधिगृहीत जमीन की दोबारा पैमाइश हो रही है. जानकारी के अनुसार रामलला (Ramlala) की जमीन की फिर से पैमाइश (Measurement) की जा रही है. प्रशासन चाहता है कि अब इस मालमे में कोई कमी न रह जाए.

अयोध्या में राम जन्मभूमि की अधिगृहीत जमीन की दोबारा पैमाइश हो रही है. जानकारी के अनुसार रामलला (Ramlala) की जमीन की फिर से पैमाइश (Measurement) की जा रही है. प्रशासन चाहता है कि अब इस मालमे में कोई कमी न रह जाए.

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Kuldeep Singh
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राम मंदिर ट्रस्ट को जमीन सौंपने की कवायद शुरू, हो रही दोबारा पैमाइश

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अयोध्या जमीन विवाद (Ayodhya Dispute) पर आए फैसले (Ayodhya Verdict) के बाद राम मंदिर निर्माण को लेकर कवायद तेज हो गई है. प्रदेश सरकार ने राम मंदिर (Ram Temple) के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट (Trust) को जमीन सौंपने की कवायद शुरू कर दी है. जमीन सौंपने से पहले रामलला (Ramlala) की जमीन की फिर से पैमाइश (Measurement) की जा रही है. प्रशासन का मानना है कि कोर्ट का फैसला आने के बाद रामलला की जमीन ट्रस्ट को सौंपी जानी है. इस मामले में किसी प्रकार की कमी न रहे इसके लिए दोबारा पैमाइश कराई जा रही है.

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2.77 एकड़ जमीन का हुआ था सीमांकन
अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ जमीन का प्रशासन द्वारा पहले ही सीमांकन कराया जा चुका है. इस सीमा पर पत्थर लगाए गए हैं. अब प्रशासन एक बार फिर इसकी पैमाइश करा रहा है जिसस आगे किसी प्रकार की परेशानी न हो. प्रशासन ने इस मामले में सहयोग के लिए अन्य जिलों से जानकारों को भी बुलाया है.

कार्यशाला में तेजी से हो रहा पत्शर तराशी का काम
अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए 1990 में कार्यशाला की नींव रखी गई थी. तभी से न्यास अयोध्या के कारसेवकपुरम में वर्ष अनवरत कलाकारों और शिल्पकारों के लिए कार्यशाला चल रही है. इसमें कलाकारों ने कई पत्थरों और खंभों पर कलाकृतियां उकेरी हैं, इस उम्मीद के साथ कि जब भी राम लला का मंदिर बनेगा तो इन्हें उसमें लगाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में फैसला आने के बाद कार्यशाला में काम और तेजी से किया जा रहा है. रामजन्मभूमि न्यास की योजना के मुताबिक मंदिर 268 फुट लंबा, 140 फुट चौड़ा और शिखर तक 128 फुट ऊंचा होगा. इसमें कुल 212 खंभे होंगे.

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VHP की ने की ट्रस्ट में PM भी शामिल करने की मांग
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने मांग की है कि अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले हैं ट्रस्ट में अमित शाह को शामिल किया जाए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हों और योगी आदित्यनाथ भी ट्रस्ट में शामिल हों. वीएचपी का मानना है कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने जिस तरह अपनी निगरानी में ट्रस्ट में रहते हुए सोमनाथ मंदिर बनवाया था. उसी तरह अयोध्या मंदिर का भी निर्माण किया जाना चाहिए. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए. विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि अगर अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह को ट्रस्ट में शामिल किया जाता है तो प्रशासनिक और राजनैतिक अड़चन नहीं आएगी.

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सरकार ने शुरू की ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया
राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने ट्रस्ट बनाने की प्रकिया शुरू कर दी है. इस संबंध में कानून और न्याय मंत्रालय के सचिव के साथ साथ AG केके वेणुगोपाल से राय भी ली जाएगी. सरकारी की ओर से वैसा ही ट्रस्ट बनाया जाएगा जैसा सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है.

ट्रस्ट पर कानून ला सकती है केन्द्र सरकार
सरकार की ओर से अभी इस संबंध में विचार विमर्श किया जा रहा है कि ट्रस्ट की नोडल बॉडी गृह मंत्रालय को बनाया जाए या सांस्कृतिक मंत्रालय को. वहीं सरकार की ओर से ट्रस्ट की वैधानिकता के लिए कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसी शीतकालीन सत्र में राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट पर बिल ला सकती है. 

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