यूपी में मतदाता सूची पुनरीक्षण का रिवाइज्ड शेड्यूल घोषित, CEO UP ने दी जानकारी

Election Commission of India ने उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी किया है. 1 जनवरी 2026 की अर्हता तिथि के आधार पर ड्राफ्ट मतदाता सूची 6 जनवरी 2026 को प्रकाशित होगी, जबकि अंतिम सूची 6 मार्च 2026 को जारी की जाएगी.

Election Commission of India ने उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी किया है. 1 जनवरी 2026 की अर्हता तिथि के आधार पर ड्राफ्ट मतदाता सूची 6 जनवरी 2026 को प्रकाशित होगी, जबकि अंतिम सूची 6 मार्च 2026 को जारी की जाएगी.

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Ravi Prashant
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एसआईआर उत्तर प्रदेश न्यूज Photograph: (ani)

Election Commission of India ने उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के लिए संशोधित कार्यक्रम की घोषणा की है. यह पुनरीक्षण 1 जनवरी 2026 को क्वालीफाइंग डेट मानते हुए किया जा रहा है. संशोधित कार्यक्रम का उद्देश्य वोटर लिस्ट को अधिक सटीक, पारदर्शी और अपडेट बनाना है.

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किस दिन शुरू होगी प्रक्रिया? 

संशोधित कार्यक्रम के अनुसार ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन अब 6 जनवरी 2026 को किया जाएगा. इसी दिन से दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की प्रक्रिया भी शुरू होगी, जो 6 फरवरी 2026 तक चलेगी. इस अवधि के दौरान नए मतदाता नाम जोड़ने, संशोधन कराने या आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दिया जाएगा.

नोटिस और निस्तारण की प्रक्रिया

6 जनवरी से 27 फरवरी 2026 तक नोटिस चरण, गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावों एवं आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी आवेदनों का समयबद्ध और निष्पक्ष निपटारा सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसी भी योग्य वोटर्स का नाम लिस्ट से वंचित न रहे.

अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन

मुख्य निर्वाचन अधिकारी, Chief Electoral Officer Uttar Pradesh के अनुसार, सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश की अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 6 मार्च 2026 को किया जाएगा. यह सूची आगामी चुनावों के लिए मान्य होगी और इसी के आधार पर मतदान की प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी.

मतदाता जागरूकता पर जोर

निर्वाचन आयोग ने नागरिकों से अपील की है कि वे निर्धारित समयसीमा के भीतर अपनी एंट्रीज की जांच अवश्य करें और अगर कोई त्रुटि हो तो दावे या आपत्तियां दर्ज कराएं. आयोग का मानना है कि सक्रिय नागरिक भागीदारी से ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत होती है और निष्पक्ष चुनाव संभव हो पाते हैं.

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