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सपा नेता के 10 ठिकानों पर ईडी की रेड Photograph: (PTI/File Photo)
ED Raid: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के दिल्ली-लखनऊ और मुंबई स्थित 10 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी की खबर है. बताया जा रहा है कि ईडी की टीम ने सपा नेता के ठिकानों पर 700 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में कार्रवाई करते हुए सोमवार को छापेमारी की. ईडी के अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विनय शंकर तिवारी सरकारी ठेका लेने वाली कंपनी गंगोत्री एंटरप्राइजेज के प्रमोटर हैं.
सपा नेता के इन ठिकानों पर की छापेमारी
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सोमवार को गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से पूर्व विधायक और सपा नेता विनय शंकर तिवारी के कई ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की. इस दौरान टीम ने लखनऊ, गोरखपुर, मुंबईं और दिल्ली में ताबड़तोड़ छापेमारी की. उनपर करोड़ों रुपये के बैंक लोन घोटाले का आरोप लगा है. ईडी की टीम ने सोमवार को गंगोत्री इंटरप्राइजेज के दफ्तरों में भी छापा मारा.
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh | The Enforcement Directorate (ED) is conducting searches on Samajwadi Party leader and former MLA Vinay Shankar Tiwari in a Rs 700 crore bank fraud case. The agency is carrying out searches at 10 locations in Uttar Pradesh, Delhi and Mumbai. Vinay… pic.twitter.com/U23SediYBc
— ANI (@ANI) April 7, 2025
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामना आया है कि मैसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों और गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 7 बैंकों के कंसोर्टियम से एक हजार 129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया था. बाद में इस रकम को अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने बैंक को पैसे वापस नहीं किया. जिससे बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा.
ईडी ने जब्त की थी 72 करोड़ की संपत्ति
बता दें कि इससे पहले नवंबर 2023 में ईडी ने सपा नेता विनय शंकर तिवारी की 72.08 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया था. ईडी ने ये कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेस लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 1129.44 करोड़ रुपए हड़पने के मामले में की थी. इस संबंध में बैंकों ने शिकायत की थी. उसके बाद सीबीआई मुख्यालय ने इस मामले में केस दर्ज किया था. बाद में ईडी ने भी विनय शंकर तिवारी समेत कंपनी के सभी निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.