आर्थिक सर्वेक्षण पर मायावती का निशाना, 'बीजेपी सिर्फ लोगों को हसीन सपने दिखाती है'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की. जिसमें उन्होंने जीडीपी को 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
highlights
- मायावती ने कहा कि, भावनाएं भड़काकर बीजेपी करती है राजनीति
- किसानों और गरीबों की समस्याओं पर बनी हुई है उदासीन
- आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, इकोनॉमिक ग्रोथ को लग सकता है झटका
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की. जिसमें उन्होंने जीडीपी को 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण पर मायावती ने बीजेपी पर निशाना साधा है. मायावती ने ट्वीट करके कहा कि लोगों को हसीन सपने दिखाना परन्तु उस हिसाब से काम नहीं करना व भावनाएं भड़काकर राजनीतिक रोटी सेंकना बीजेपी की विशेषता रही है.
यह भी पढ़ें- वंदे भारत एक्सप्रेस में मिलेंगी ये नई सुविधाएं, दूसरा ट्रायल हुआ पूरा
आज पेश आर्थिक सर्वेक्षण भी प्रमाणित करता है कि गरीबी, बेरोजगारी, किसान आत्महत्या आदि की गंभीर समस्याओं के मामले में यह सरकार उदासीन व लापरवाह रही है. विकास दर की बडे़-बड़े दावों से देश के 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों आदि का अबतक सही भला नहीं हो पाया है बल्कि इनकी दिन-प्रतिदिन की समस्याएं अनवरत गंभीर होती जा रही हैं जो अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है.
केवल कागजी दावों से जनता का हित व कल्याण कैसे संभव है?
यह भी पढ़ें- अभिषेक सिंघवी ने लिखा- 'हलाला जायज और एक्टिंग हराम', मौलाना ने दिया ये जवाब
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा 5.8 फीसदी रहा, जबकि संशोधित बजट अनुमान 3.4 फीसदी रहा था. आर्थिक सर्वेक्षण 2019 में भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर दिया गया है.
विकास दर की बडे़-बड़े दावों से देश के 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों आदि का अबतक सही भला नहीं हो पाया है बल्कि इनकी दिन-प्रतिदिन की समस्याएं अनवरत गंभीर होती जा रही हैं जो अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है। केवल कागजी दावों से जनता का हित व कल्याण कैसे संभव है?
— Mayawati (@Mayawati) July 4, 2019
इसके मुताबिक, 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए सालाना 8 फीसदी की ग्रोथ रेट बरकरार रखना जरूरी है. सर्वेक्षण के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में अच्छी इकोनॉमिक ग्रोथ रहने का अनुमान है. अभी तक हाल के दौर में रही सुस्ती की वजह चुनाव रहे थे.
यह भी पढ़ें- No One Killed Krishnanand Rai, तो 400 राउंड गोलियां क्या अपने आप चलीं
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में यदि इकोनॉमिक ग्रोथ सुस्त रहती है तो राजस्व संग्रह को झटका लग सकता है. आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, 2018 के मध्य से रूरल वेज ग्रोथ बढ़ने लगी है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर