कोरोना काल में यूपी की एक एम्बुलेंस पर रहा 204 मरीजों का भार

मुख्यमंत्री योगी ने वैश्विक महामारी से निपटने के लिये प्रदेश में दोनों एम्बुलेंस सेवाओं को अलर्ट कर दिया था. सरकार की ओर से पूर्व से बरती गई सतर्कता का असर है कि कोरोना काल में संदिग्ध मरीजों के लिये यह दोनों सेवाएं लाइफलाइन साबित हुई हैं.

मुख्यमंत्री योगी ने वैश्विक महामारी से निपटने के लिये प्रदेश में दोनों एम्बुलेंस सेवाओं को अलर्ट कर दिया था. सरकार की ओर से पूर्व से बरती गई सतर्कता का असर है कि कोरोना काल में संदिग्ध मरीजों के लिये यह दोनों सेवाएं लाइफलाइन साबित हुई हैं.

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Ritika Shree
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pregnant woman to the ambulance

ambulance service( Photo Credit : न्यूज नेशन)

कोरोना काल में यूपी सरकार की ओर से चलाई जा रही 108 एम्बुलेंस पर मरीजों का काफी भार रहा है. राज्य में 108 की 1102 और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) की 137 एम्बुलेंस कोविड ड्यूटी में लगाई गयी हैं. दूसरी लहर के दौरान तीन माह के अंदर इन एम्बुलेंस ने दो लाख से ज्यादा लोगों को अस्पताल पहुंचाया है. औसतन एक एम्बुलेंस पर 204 मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेंदारी थी. राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संकट के दौरान यूपी सरकार की 108 और एएलएस एम्बुलेंस सेवाओं ने बड़ी भूमिका निभाई है. 22 मार्च से अभी तक तीन महीनों में यूपी में 108 की 1102 और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) की 137 एम्बुलेंस कोविड ड्यूटी में लगी हुई हैं. 108 एम्बुलेंस सेवा ने 224832 लोगों को इलाज मुहैया कराने में मदद की है. जबकि एएलएस सेवा से 43206 लोगों को अस्पताल पहुंचाया है. इनमें लखनऊ में तैनात 108 की 32 एम्बुलेंस मार्च माह से अभी तक 25337 लोगों को तत्काल इलाज की सुविधा दे चुकी है. जबकि एएलएस की 09 एम्बुलेंस राजधानी में लगाई गई हैं और तीन महीनों में 2042 लोग इसकी सेवाएं ले चुके हैं.

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मुख्यमंत्री योगी ने वैश्विक महामारी से निपटने के लिये प्रदेश में दोनों एम्बुलेंस सेवाओं को अलर्ट कर दिया था. सरकार की ओर से पूर्व से बरती गई सतर्कता का असर है कि कोरोना काल में संदिग्ध मरीजों के लिये यह दोनों सेवाएं लाइफलाइन साबित हुई हैं. बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी इलाकों में इनकी मदद से रोगियों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों तक पहुंचाया गया है. 108 में ऑक्सीजन की सुविधा और एएलएस में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर भी लगा है. गौरतलब है कि सतत निगरानी और कोविड प्रबंधन से कोरोना की पहली लहर पर विजय हासिल करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संक्रमण की दूसरी लहर में सामने आई चुनौतियों को भी बेहद गंभीरता से लिया. लगातार बढ़ते संक्रमण को देख खुद फ्रंटलाइन पर आए और ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के यूपी मॉडल को जमीन पर उतारते हुए अब दूसरी लहर पर भी काबू पाने में कामयाबी हासिल की है.

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर 108 और एएलएस एम्बुलेंस प्रदेश के हर जिले में तैनात की गई हैं. ये संक्रमित मरीजों को राज्य सरकार की तरफ से बनाए गए क्वारंटाइन वार्ड तक पहुंचा रही हैं. कोविड 19 के मरीजों के लिए एम्बुलेंसों को सभी जीवन रक्षक उपकरणों से लैस किया गया है. कोरोना से लड़ने के लिए एम्बुलेंस सेवाओं की पूरी टीम सरकार के निर्देशों का पालन कर रही है. एम्बुलेंस में 24 घंटे इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) और पायलट की 23 हजार से अधिक लोगों की टीम दिन-रात काम में जुटी हुई है. संक्रमित व्यक्ति 108 टोल फ्री नम्बर पर फोन करके सेवा का लाभ ले रहे हैं. लखनऊ और आगरा में बने 108 इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर के जरिये जिले में तैनात एम्बुलेंस तुरंत रवाना कर दी जाती है. आगरा के कॉल सेंटर में 275 लोग और लखनऊ में 500 से ज्यादा कर्मचारियों की टीम 24 घंटे काम कर रही है और रोजाना लोगों को सेवाएं दे रही है.

HIGHLIGHTS

  • दूसरी लहर के दौरान तीन माह के अंदर इन एम्बुलेंस ने दो लाख से ज्यादा लोगों को अस्पताल पहुंचाया है
  • 108 एम्बुलेंस सेवा ने 224832 लोगों को इलाज मुहैया कराने में मदद की है
  • एएलएस सेवा से 43206 लोगों को अस्पताल पहुंचाया है

Source : IANS

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