दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में अब बचे हैं सिर्फ 42 गैंडे
सामान्यत: बच्चों को जनगणना में शामिल नहीं किया जाता है क्योंकि उन पर मौसम व बाघ-चीतों जैसे मांसाहारी जीवों से कई तरह के खतरे होते हैं.
लखीमपुर खीरी:
दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) में आधिकारिक तौर पर बस रहे गैंडों की आबादी में चार गैंडे के बच्चे भी शामिल कर लिए गए हैं, जो अभी एक साल पहले ही पैदा हुए हैं. नियमों के मुताबिक, एक साल से कम उम्र के गैंडों को जनगणना में शामिल नहीं किया जाता है क्योंकि इनमें से अधिकतर नहीं बच पाते हैं. दुधवा में एक सींग वाले गैंडों की गिनती अब 42 तक पहुंच गई है.
डीटीआर (कोर) के उप निदेशक मनोज सोनकर ने पत्रकारों को बताया, 'हम जनगणना में गैंडे के चार बच्चों को शामिल कर बेहद खुश हैं और अब इन्हें मिलाकर दुधवा में 42 गैंडे हैं. निगरानी टीम इन पर नजर बनाए हुए हैं. सामान्यत: बच्चों को जनगणना में शामिल नहीं किया जाता है क्योंकि उन पर मौसम व बाघ-चीतों जैसे मांसाहारी जीवों से कई तरह के खतरे होते हैं.'
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