गोरखपुर हादसा: मौत के ताडंव के बीच मसीहा बने डॉक्टर कफील, खुद लेकर आए दर्जन भर ऑक्सीजन के सिलेंडर
मौत के ताडंव के बीच मसीहा बने इंसेफलाइटिस डिपार्टमेंट के इंचार्ज और चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर कफील अहमद खान
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बाबा राघव दास अस्पताल में 33 बच्चों की मौत के मामले में जहां हर कोई अपनी जिम्मेदारी लेने से बचना चाहता है, वहीं एक फरिश्ता डॉक्टर ने हर संभव कोशिश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ये डॉक्टर हैं इंसेफलाइटिस डिपार्टमेंट के इंचार्ज और चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर कफील अहमद खान।
डॉ खान को रात 2 बजे की करीब जैसे ही ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना मिली, वो फौरन अपनी गाड़ी से एक जानकार डॉक्टर के अस्पताल पहुंचकर तीन जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंचे। उनकी इस कोशिश से कुछ देर के लिए राहत हो गई। लेकिन सुबह होते-होते फिर से ऑक्सीजन की कमी होने लगी।
एक बार फिर उन्होंने अपने जानकार डॉक्टरों से मदद मांगी और खुद जाकर करीब एक दर्जन ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल पहुंचे। मौजूदा लोगों के मुताबिक डॉ खान ने खुद अपने एटीएम से पैसे निकलाकर एक सप्लायर को भुगतान किया, जिसके बाद वो ऑक्सीजन सिलेंडर देने को तैयार हुआ।
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हालांकि तब तक हालात बिगड़ने शुरू हो चुके थे। डॉ खान बेहद बेबस नजर आ रहे थे, पर लगातार ऑक्सीजन के सिलेंडर के इंतेजाम में जुटे रहे।
उनकी लाख कोशिशों के बावजूद सुबह होते-होते 36 बच्चों ने दम तोड़ दिया। अस्पताल में मौजूद लोगों की माने तो अपनी आंखों के सामने मरते मासूमों को देखते हुए डॉ खान छटपटाते रहे।
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