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गाजियाबाद में अब कुत्ता पालने के लिए पांच हजार रुपये देकर बनवाना पड़ेगा लाइसेंस

अगर आपको कुत्ते पालने का शौक है तो अब आपकी जेब पर दबाव पड़ने वाला है. गाजियाबाद नगर-निगम ने कुत्ता पालने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने और लाइसेंस लेने को अनिवार्य कर दिया है.

Updated on: 16 Sep 2019, 04:43 PM

गाजियाबाद:

अगर आपको कुत्ते पालने का शौक है तो अब आपकी जेब पर दबाव पड़ने वाला है. गाजियाबाद नगर-निगम ने कुत्ता पालने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने और लाइसेंस लेने को अनिवार्य कर दिया है. रजिस्ट्रेशन फीस को 100 गुना बढ़ा कर 500 रुपये से 5000 कर दिया है. नगर निगम की बोर्ड में यह प्रस्ताव पास किया गया. गाजियाबाद नगर निगम ने लोगों की बढ़ती शिकायतों को लेकर यह कदम उठाया है. लोगों की लगातार यह शिकायत रहती है कि लोगों के पालतू कुत्ते घर के सामने पोटी-पेशाब करके गंदगी फैलाते हैं. खास कर कुत्तों के मालिक भी यह सब देखते रहते हैं.

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सार्वजनिक पार्कों में भी कुत्तों द्वारा गंदगी फैलाने की शिकायत लगातार मिलती रही है. अब नगर निगम ने कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करते हुए फीस 5000 रुपये कर दी है. नगर निगम की मंशा है कि शहर को साफ सुथरा रखा जाए. साथ ही किस एरिया में कितने कुत्ते हैं और उन्हें समय से रेबीज के इंजेक्शन लग रहे हैं या नहीं इसका हिसाब भी रखा जा सके.

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नगर निगम का अगला कदम है कि इस नियम को कड़ाई से लागू किया जाए. साथ ही कुत्तों द्वारा पार्कों और सड़कों पर गंदगी फैलाने पर 500 रुपये का मालिक पर जुर्माना भी लगेगा. गाजियाबाद नगर निगम की मेयर आशा शर्मा का कहना है कि लगातार शिकायतें मिल रही थीं. जिसके बाद शहर को स्वच्छ रखने के लिए यह प्रावधान लाया गया है. अब कुत्तों को पालने के लिए 5 हजार का पंजीकरण करवाना होगा. साथ ही अगर वह सार्वजनिक क्षेत्र में गंदगी फैलाते हैं तो उनके मालिक पर 500 रुपये का जुर्माना लगेगा.

कुत्ता पालने वालों में नाराजगी

इस फैसले को लेकर पेट लवर्स में नाराजगी देखने को मिल रही है. लोगों का कहना है कि कुत्ते उनकी सुरक्षा करते हैं इस लिए उन्हें पाला जाता है. पालतू कुत्ते किसी को काटते नहीं हैं लेकिन अगर काट भी लेते हैं तो कुत्ते का मालिक पूरा इलाज करवाता है. गली मोहल्ले में घूमने वाले कुत्तों को नगर निगम आखिर कैसे रजिस्टर्ड करेगा.

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आखिर गंदगी तो वो कुत्ते भी फैलाते हैं तो उनके 5-5 हजार रुपये कौन देगा. लोगों का कहना है कि कम आमदनी वाले लोगों को यह फैसला मुश्किल में डालने वाला है. अगर इस तरह से नियम बनेंगे तो लोग कुत्तों को गली मुहल्लों में छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे.