पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट का मामला दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है. हाल ही में बंगाल सहित देश के कई राज्यों में इस हिंसा के विरोध में डॉक्टरों ने हड़ताल और प्रदर्शन किया था. इस हड़ताल के वजह से मरीज और उनके परिजनों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
लेकिन मरीजों को अब भी राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहा है क्योंकि सोमवार को एक बार फिर डॉक्टरों ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. उत्तर प्रदेश के हर जिले में इस हड़ताल का असर देखने को मिला है. वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, आगरा समेत सभी जिलों में हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है.
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लेकिन सबसे ज्यादा बुरा असर कानपुर में देखने को मिला जहां डॉक्टरों ने मरीजों को देखने से मना कर दिया. गंभीर हालत में पहुंच रहे मरीजों को बाहर निकाल दिया गया. यहां एक मरीज की मौत भी हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि मरीज को इलाज नहीं मिला. इसी कारण उसकी मौत हो गई.
प्रयागराज के सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टरों ने तीसरे दिन कामकाज बंद रखा. यही तस्वीर लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में देखने को मिली. यहां पर डॉक्टरों ने हाथ पर काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन किया. डॉक्टरों की इस हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं. इसका सीधा असर मरीजों की सेहत पर पड़ रहा है.
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कानपुर में हुई मरीज की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इमरजेंसी का दौरा कर मरीजों को भर्ती करवाया है. आरतीलाल चंदानी ने कहा फिलहाल इमरजेंसी सेवाएं चल रही हैं. मरीज की मौत पहले ही हो गई थी.
HIGHLIGHTS
- कानपुर में डॉक्टरों की हड़ताल से एक मरीज की मौत
- पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की पिटाई के बाद चल रही हड़ताल
- लखनऊ में काली पट्टी बांधकर डॉक्टरों का प्रदर्शन