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वाराणसी के स्कूल का कोरोना से बचाव के लिए अनूठा अंदाज 'करो ना'

वाराणसी के एक निजी स्कूल ने कोरोनोवायरस को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए एक अनूठा अंदाज अपनाया है. स्कूल ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसे लेकर एक लिस्ट बनाई है, जिसे 'करो ना' नाम दिया है.

Updated on: 08 Mar 2020, 12:43 PM

वाराणसी:

वाराणसी के एक निजी स्कूल ने कोरोनोवायरस को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए एक अनूठा अंदाज अपनाया है. स्कूल ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसे लेकर एक लिस्ट बनाई है, जिसे 'करो ना' नाम दिया है. स्कूल ने स्टूडेंट्स के लिए एक 'कोरोना क्लास' भी शुरू की है, जहां इस वायरस को लेकर तमाम जानकारियां दी जा रही हैं. जिसमें सबसे अहम है इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियां.

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स्कूल की शिक्षिका जयश्री गुप्ता ने कहा, हमने बच्चों की ये अतिरिक्त क्लास शनिवार से शुरू की है. हम बच्चों को कोरोनावायरस के लक्षणों और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए, उसकी 'करो ना' लिस्ट भी बच्चों को बता रहे हैं. चूंकि 'करो ना' गाने में या बोलने में कोरोना की तरह रिद्म वाला है इसलिए बच्चों को सूची का नाम मनोरंजक लग रहा है और वे इसमें दी गई सावधानियों को जल्दी याद भी कर रहे हैं.

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'करो ना' सूची में बच्चों को हाथ न मिलाने, एक-दूसरे को गले न लगाने, अपना टिफिन और पानी साझा न करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा उन्हें एक-दूसरे का तौलिया और रुमाल भी इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है. बच्चों को बार-बार हाथ धोने और थोड़ा भी अस्वस्थ महससू होने पर तत्काल अपने शिक्षकों या अभिभावकों को बताने के लिए कहा गया है. उन्हें स्कूल और घर दोनों ही जगह स्वच्छता के उंचे मानक अपनाने को कहा गया है.

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शिक्षिका ने कहा कि चूंकि वाराणसी में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. लिहाजा यहां के स्थानीय लोगों को इस वायरस के प्रकोप के बारे में पता होना चाहिए. साथ ही इससे बचने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए, इसकी भी जानकारी होनी चाहिए. शिक्षका ने कहा, "हमने तय किया है कि इस बारे में बच्चों को शिक्षित करेंगे, ताकि वे ये जानकारियां अपने अभिभावकों तक पहुंचा सकें."