/newsnation/media/post_attachments/images/2020/03/01/holi2-543-92.jpg)
प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)
अगर आप विदेश में हैं और होली पर घर आने की छुट्टी नहीं मिल रही है तो निराश मत होइए. उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों द्वारा बनाई गई हाईटेक पिचकारी से लोग घर बैठे आपके ऊपर रंग डाल सकेंगे. इतना ही नहीं, यह पिचकारी न केवल आपको केमिकल रंगों से बचाएगी, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से काफी सुरक्षित है. माना जा रहा है कि यह पिचकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति को पंख लगाएगी और उनके द्वारा चलाए गए पर्यावरण अभियान को गति देगी.
इस हाईटेक पिचकारी को बनाने वाली बीटेक छात्रा अनामिका विश्वकर्मा और जतिन मेहरोत्रा ने मीडिया को बताया कि महज 15 दिन में बनने वाली पिचकारी की कई खूबियां हैं. यह न सिर्फ मोबाइल से संचालित होगा, बल्कि रिमोट कंट्रोल से भी 200 मीटर दूर बैठे व्यक्ति पर हर्बल रंग चढ़ाया जा सकेगा.
यह भी पढ़ें- आजम खान को कोर्ट से बड़ा झटका, जमानत खारिज, जेल में मनेगी होली
उन्होंने कहा कि इस पिचकारी की यह खूबी है कि इसमें केमिकल युक्त रंग का उपयोग नहीं होगा. स्वास्थ्य की दृष्टि से निर्मित इस पिचकारी में पर्यावरण सुरक्षा का भी ख्याल रखा गया है. इसकी सबसे खूबी यह है कि आप बाहर रहते हुए भी अपने पेड़-पौधों को इसके माध्यम से सींच सकते हैं.
रिमोट कंट्रोल से भी होगी संचालित :
जिस प्रकार से खिलौनों को रिमोट से संचालित किया जाता है. ठीक उसी प्रकार इस पिचकारी को भी रिमोट कंट्रोल के माध्यम से चलाया जाएगा. इसे 200 मीटर की रेंज तक प्रयोग कर सकते हैं. रिमोट कंट्रोल में दो बटन हैं. एक इसमें हरा रंग फेंकता है और दूसरा लाल फेंकता है.
विदेशों में बैठे लोगों पर डाल सकेंगे रंग :
इसको नेट से संचाालित करने की व्यवस्था बनाई गई है. इसे इंटरनेट से चलाने के लिए एंड्रॉइड मोबाइल से कनेक्ट करने के बाद वाट्सएप से मैसेज कमांड भेजेंगे. इसमें आरएफ सेंसर के वजह वाइब्रेट होगा. इसके बाद नोटिफेकिशन आएगा. फिर सेंसर से पिचकारी ऑन होकर कलर डालेगी. बशर्ते, इसमें जिसके साथ होली खेलनी है उसके पास पिचकारी होना जरूरी है. बाकी दूसरी ओर से इसे इंटरनेट से कंट्रोल किया जा सकेगा. इसमें दिव्यांग भी रिमोट और फोन के माध्यम से होली खेल सकते हैं. केमिकल से एलर्जी वाले व्यक्ति भी इससे रंग खेल सकते हैं.
बानाने में यह आया खर्च और लगा समान :
रिमोट कंट्रोल को बनाने में 300 से 400 रुपये के बीच खर्च होगा. इसके अलावा इंटरनेट कंट्रोल बनाने में 800 रुपये का खर्च आया है. इसमें 9 वोल्ट की बैट्री और इलेक्ट्रिक पम्प आरएफ सेंसर और रिमोट का प्रयोग हुआ है.
छात्रों ने बताया, "हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी जिस प्रकार से पार्यावारण की रक्षा के लिए लोगों से अपील कर रहे हैं, उसी को ध्यान में रखकर इसका निर्माण किया गया है. इसे होली के बाद हम लोग बाहर रहने पर पेड़-पौधों को पानी दे सकते हैं."
Source : News State
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us