logo-image

भाकियू में दो फाड़, एक कृषि कानूनों के समर्थन में... दूसरा बॉर्डर पर डटा

यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा है कि उनकी संस्था के सदस्य विभिन्न जिलों में जाकर किसानों को कृषि सुधारों के मामले में जागरूक करने का काम करेंगे.

Updated on: 16 Dec 2020, 10:23 AM

गाजियाबाद:

देश में किसानों की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का एक धड़ा नए कृषि कानून के समर्थन में आया है, जबकि दूसरा धड़ा कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संगठनों के साथ खड़ा है. नए कानून के समर्थन में उतरे भारतीय किसान यूनियन (किसान) के पदाधिकारियों और किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने कृषि-भवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की.

प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान नेताओं ने केंद्रीय मंत्री को कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में एक ज्ञापन-पत्र सौंपा. कृषि मंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए भाकियू (किसान) ने अपना आंदोलन स्थगित करने का ऐलान किया. यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा है कि उनकी संस्था के सदस्य विभिन्न जिलों में जाकर किसानों को कृषि सुधारों के मामले में जागरूक करने का काम करेंगे.

वहीं, कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि पूरे देश में कृषि सुधार कानूनों का स्वागत हो रहा है. अधिकांश किसान इन कृषि सुधारों के साथ हैं, लेकिन कुछ राजनीतिक दल कुछ किसानों को भ्रम में डालकर अविश्वास का वातावरण बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि कृषि, किसान, सरकार और किसान संगठन सभी एक दूसरे के पूरक हैं. ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि हम किसानों के हित के लिए हर वह कार्य करे जो हमारा दायित्व है.

तोमर ने कहा, 'हम किसान संगठनों से चर्चा कर रहे हैं, आगे भी चर्चा के लिए तैयार हैं. हमने उन्हें अपनी ओर से प्रस्ताव पत्र भी सौंपा है. सरकार को पूरा विश्वास है कि चर्चा के माध्यम से ही इस मामले का हल निकल पाएगा.' उन्होंने कहा कि 2014 में 30 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसी एक राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत मिला था. उन्होंने कहा, 'जनता ने मोदी जी को इसी विश्वास के साथ पूर्ण बहुमत दिया कि देश के समग्र विकास और हर क्षेत्र के सशक्तीकरण के लिए वे हर तरह के कदम उठाएंगे. पहले जो सरकार में रहे वे सिर्फ इस बात में विश्वास रखते थे कि अपना कार्यकाल निकाल लो, देश में सुधार की जरूरत का जोखिम मत लो, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर क्षेत्र में ऐसे ऐतिहासिक कदम उठाएं हैं, जिनके दूरगामी परिणाम नजर आएंगे.

भारतीय किसान यूनियन (किसान) नेताओं के साथ हुई चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी भी मौजूद थे. केंद्रीय मंत्री से मुलाकात करने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (किसान) के संरक्षक रामगोपाल दीक्षित, राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन ठाकुर, राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव शिवप्रताप सिंह, अवधेश प्रताप सिंह, रामकिशन दीक्षित ने इस मौके पर कृषि मंत्री के समक्ष अपने विचार एवं सुझाव भी रखे.

उधर, नए कृषि कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों में उत्तर प्रदेश से भाकियू (टिकैत) के नेता राकेश टिकैत और उनके संगठन से जुड़े लोग भी शामिल हैं. आज 21 दिन भी हजारों किसान सड़कों पर धरना दिए बैठे हैं. किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है. अभी तक किसान आंदोलन कभी गरम तो कभी नरम पड़ता दिखा है.