वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर के हेड और सीनियर सर्जन के बीच का विवाद अब बड़ा होता जा रहा है. आलम ये है की रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल की धमकी दे रहे है और पूरे विश्वविद्यालय में हंगामा शुरू हो चुका है. इन सब के बीच अस्पताल को नुकसान हो रहा है. इस रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं कि कैसे दो बुद्धिजीवी की लड़ाई विश्वविद्यालय कलंकित कर रही है.
कर्मचारियों के बीच जमकर नोकझोंक
वाराणस में आईएमएस बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में सर्जरी विभाग के एक प्रोफेसर और कैंटीन के कर्मचारियों के बीच जमकर नोकझोंक हो गई. आरोप है कि इस दौरान हाथापाई भी हुई. हालांकि पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ. इसमें दिख रहा है कि सर्जरी विभाग के प्रोफेसर एसपी मिश्रा मरीजों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने वाली कैंटीन के सामने रखी कुर्सियों को लात से मारते हुए आगे बढ़ रहे हैं.
इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं कर सकते
इसके बाद कैंटीन कर्मचारियों के साथ उनकी बहसबाजी हुई. कैंटीन के कर्मचारी के अनुसार जातिसूचक शब्दों से हमें बेइज्जत किया गया मारने की धमकी दी गयी. अब इनके वकील का भी कहना है की हम इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसलिए कानूनी कारवाही कर रहे है. ट्रॉमा सेंटर में सोमवार की दोपहर में हुई घटना का एक दो नहीं बल्कि 6-7 सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें प्रोफेसर एसपी मिश्रा के कुर्सी को लात मारने के वीडियो के साथ ही कैंटीन पर कर्मचारियों और उनके बीच नोक झोंक का फुटेज भी वायरल हुआ है.
कैंटीन के गेट पर कुर्सी रखी होती है
सर्जरी विभाग की प्रो.एसपी मिश्रा ने कहा कि ट्रॉमा सर्जरी की मेरी ओपीडी ट्रॉमा सेंटर में चलती है. अक्सर कैंटीन के गेट पर कुर्सी रखी होती है. कई बार उसको हटाने के लिए कहा गया, लेकिन कैंटीन संचालक ने नहीं हटाया, तो मैंने लात मारकर उसको हटाया. इस पर कैंटीन संचालक ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. इसी बीच प्रोफेसर सौरभ सिंह भी आए और उन्होंने भी दुर्व्यवहार किया. पूरी घटना की लिखित शिकायत आईएमएस निदेशक और प्रभारी वीसी से की है.
हालांकि इस मामले में बीएचयू ट्रामा सेंटर के प्रभारी सौरव सिंह का कहना है की हम सभी डॉक्टर है पर जो ये मसला हुआ है ये गलत है. अस्पताल में सब कुछ फ्री में मरीजों को मिल रहा है. इसे भी कई डॉक्टर बर्दाश्त नहीं कर पा रहे है. इसलिए इस तरह की हरकत कर रहे है बाकी सीसीटवी में सब कुछ दिख रहा है.