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SP-RLD गठबंधन पर चर्चा तेज, जयंत चौधरी ने मांगा डिप्टी सीएम पद !

यूपी चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल ( आरएलडी) के बीच गठबंधन का आधिकारिक ऐलान होना अभी बाकी है.

Updated on: 23 Nov 2021, 07:36 PM

highlights

  • सपा और आरएलडी में सीटों को लेकर सहमति बन गई है
  • आरएलडी और सपा के बीच सीटों को लेकर खींचतान चल रही थी
  • आरएलडी 36 सीटों पर चुनाव लड़ेगी

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी छोटे राजनीतिक दलों से गठबंधन करने पर नफा-नुकसान का आकलन कर रहे हैं. छोटे दलों की तरफ से भी जमीनी सचाईं को देखते हुए किस दल से गठबंधन करने पर राजनीतिक फायदा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा रहा है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सपा के साथ गठबंधन करने के बाद अब सबकी निगाहें राष्ट्रीय लोकदल पर लगी हैं. सपा औऱ आरएलडी लंबे समय से आपसी समझ के तहत उत्तर प्रदेश में राजनीति कर रहे हैं. योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद दोनों दल अपना अस्तित्व बचाने के संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी कब औपचारिक रूप से हाथ मिलाकर गठबंधन का ऐलान करेंगे, इस पर हर किसी की नजर है. 

यूपी चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल ( आरएलडी) के बीच गठबंधन का आधिकारिक ऐलान होना अभी बाकी है. आरएलडी चीफ चौधरी जयंत सिंह ने पहले भी ये साफ किया था कि सपा के साथ गठबंधन कर वे चुनाव मैदान में उतरेंगे. अब आरएलडी चीफ जयंत ने आज लखनऊ पहुंचकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ मुलाकात की है.

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जयंत और अखिलेश की मुलाकात खत्म हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक सपा और आरएलडी में सीटों को लेकर सहमति बन गई है. आरएलडी 36 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. आरएलडी 50 सीटें मांग रही थी जबकि सपा 30 से 32 सीटें देने को तैयार थी. सूत्रों की मानें तो जयंत और अखिलेश के बीच एक और दौर की बातचीत होगी. इसके बाद दोनों नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन का ऐलान कर सकते हैं. 

आरएलडी चीफ जयंत और अखिलेश की मुलाकात सपा सुप्रीमो के घर पर हुई. इस मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए जयंत ने लिखा है- बढ़ते कदम. सपा सुप्रीमो से मुलाकात के बाद जयंत दिल्ली लौट गए हैं. सूत्रों के मुताबिक जयंत ने डिप्टी सीएम का पद आरएलडी को दिए जाने की मांग अखिलेश के सामने रखी है.

सूत्रों का कहना है कि सपा के करीब आधा दर्जन नेता आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. गौरतलब है कि आरएलडी और सपा के बीच सीटों को लेकर खींचतान चल रही थी. दोनों दलों के बीच दो दौर की बातचीत के बाद भी सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन सकी थी. कई सीटें ऐसी थीं जिन्हें लेकर दोनों ही दलों की ओर से दावा किया जा रहा था. इस खींचतान के कारण गठबंधन के आधिकारिक ऐलान में भी देर हो रही थी. अब जयंत ने ट्वीट कर ये संकेत दे दिए हैं कि दोनों दलों के बीच बातचीत की गाड़ी सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ी है.