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डीजीपी ओपी सिंह।( Photo Credit : फाइल फोटो)
गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को बदनाम करने के लिए बनाए गए फर्जी वीडियो और एसएसपी की ओर से शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. इस मामले की जांच करने के लिए मेरठ के IG रेंज को आदेश दिया है. दूसरी ओर इस पूरे मामले में एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठआकुर ने CBI से जांच करवाने की मांग की है.
SSP के कथित ऑडियो पर शुक्रवार को डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि नोएडा में एफआईआर में चार पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस ने 4 अभियुक्तों को जेल भेज दिया था वहीं 1 अभी भी फरार है. SSP नोएडा ने इस बारे में गृह विभाग को रिपोर्ट भेजी थी. CM कार्यालय में भी रिपोर्ट पर जानकारी दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि गोपनीय पत्र वायरल करने के मामले में SSP नोएडा वैभव कृष्ण से जवाब तलब किया गया है.
डीजीपी ने बताया कि एसएसपी वैभव कृष्ण की तरफ से एक गोपनीय पत्र शासन को भेजा गया. जहां से डीजीपी मुख्यालय को ये पत्र भेजा गया है. इस पत्र में कुछ अफसरों पर आरोप लगाया है कि उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. इसकी जांच मेरठ एडीजी को सौंपी गई है. उन्होंने कार्रवाई भी की है.
डीजीपी ने आगे कहा कि ऑडियो वायरल होने के मामले में जांच चल ही रही थी कि इसी बीच पत्र वायरल हो गया. डीजीपी ने कहा कि हमारा मानना है कि एसएसपी नोएडा की तरफ से यह अनाधिकृत कम्युनिकेशन किया गया है. इसके लिे आईजी रेंज मेरठ से कहा गया है कि वे एसएसपी से पूछें कि आखिर गोपनी दस्तावेज क्यों वायरल किया गया. डीजीपी ने कहा कि गोपनीय दस्तावेजों को वायरल करना सर्विस रूल के खिलाफ है. रिपोर्ट 6 लोगों के बारे में थी जो गलत दस्तावेज के सहारे टेंडर हासिल करना चाहते थे. इस विषय की जांच चल रही है.
एसएसपी नोएडा के कथिड वीडियो को लेकर डीजीपी ने कहा कि साइबर क्राइम एक्सपर्ट और एसटीएफ की मदद लेकर वायरल वीडियो की जांच कराई जा रही है.
Source : News Nation Bureau
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