प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का समापन हो गया है. बावजूद इसके बड़ी संख्या में तीर्थयात्री सगंम तट पहुंच रहे हैं. इनमें से कई लोग ऐसे हैं, जो 45 दिनी महाकुंभ में संगम पर स्नान करने से चूक गए थे. चूंकि प्रयागराज में अब वाहनों के प्रतिबंध में ढील दे दी गई है, इसलिए कुंभ मेला क्षेत्र के पास ही कारों और अन्य वाहनों के पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. लोग यहां से सीधे गंगा घाट पर पहुंच रहे हैं.
हजारों लोग संगम घाट पर मौजूद
संगम पर अभी कितने लोग हैं, इसका कोई आंकड़ा तो नहीं है पर शुक्रवार सुबह से हजारों की संख्या में लोग त्रिवेणी में स्नान कर रहे हैं. सुबह पांच बजे अंधेरे में हजारों लोग पूजा-पाठ कर रहे थे. इनमें से बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र के साथ-साथ अन्य राज्यों के लोग शामिल हैं.
चेन्नई से आए श्रद्धालु रात में ही नहाने के मूड में
महाकुंभ मेले में शामिल न हो पाए तीर्थयात्री अब संगम पर आए हैं. चेन्नई से आए आशीष सिंह ने कहा कि गुरुवार रात करीब 11.30 बजे वे पवित्र स्नान करने के लिए संगम स्थल पर पहुंचे थे. वे रात 11.45 बजे ही स्नान करने के मूड में थे. लेकिन उस वक्त आग लग गई तो मैं यहां से चला गया. वापस सुबह तीन बजे संगम पर आया. यहां का माहौल अद्भुत है. कक्षा 11 में पढ़ने वाले सिंह ने बताया कि उनका जन्म बिहार में हुआ है. हालांकि, वे चेन्नई में पले-बढ़े हैं और हिंदी-भोजपुरी, अंग्रेजी और तमिल भाषाएं समान रूप से बोलते हैं.
यहां पहले जैसी ही रौनक है- व्यापारी
संगम नोज पर गंगा जल भरने वाला डिब्बा बेचने वाले केदारनाथ भी तट पर ही मौजूद हैं. आधी रात से भोर तक उन्होंने यहां काम किया. उनका कहना है कि मेला तो खत्म हो गया है पर लोगों का उत्साह अब भी वैसा. कुंभ खत्म होने के बाद भी यहां पहले जैसी ही रौनक है.
66 करोड़ लोगों ने गंगा में किया स्नान
बता दें, 12 साल में एक बार होने वाले कुंभ का आयोजन 13 जनवरी को शुरू हुआ था. महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़े स्नान के साथ कुंभ समाप्त हो गया. 45 दिन में तीन अमृत स्नान हुए. इस दौरान, 66 करोड़ लोगों ने गंगा में स्नान किया.