devendra singh chouhan ips (Photo Credit: File Photo)
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में इंटेलिजेंस के महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान (DGP Denedra Singh Chauhan) को राज्य के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी (IPS) हैं और 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलीजेंस (DG Inteligence) के पद पर कार्यरत हैं. इसके अलावा चौहान के पास यूपी सतर्कता अधिष्ठान (विजलेंस) के निदेशक का भी कार्यभार है. गौरतलब है कि वे साल 2020 की जनवरी में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से यूपी लौटे डीएस चौहान सीआरपीएफ में आईजी के पद पर तैनात थे.
दरअसल, यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल को विभागीय कार्यों में रुचि न लेने के आरोप में बुधवार को पद से हटा दिया गया. डीजीपी पद से हटाने के बाद उन्हें डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है. मुकुल गोयल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के बाद बुधवार रात को उनके पद से हटा दिया गया था. गोयल पर कार्रवाई के पीछे हाल के दिनों में घटी कुछ बड़ी घटनाए इसकी वजह मानी जा रही हैं. गौरतलब है कि गोयल को पिछले साल एक जुलाई को तत्कालीन डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी की सेवानिवृत्ति के बाद डीजीपी बनाया गया था. वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे थे. हालांकि, शुरू से ही उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा. एक मामले में तो मुख्यमंत्री तक को बयान देना पड़ा था.
इन सभी को पीछे छोड़कर बने डीजीपी
वरिष्ठता के आधार पर 1987 बैच के आईपीएस अफसर आरपी सिंह सबसे वरिष्ठ डीजी हैं और मौजूदा समय में प्रशिक्षण निदेशालय में हैं. दूसरे नंबर पर 1987 बैच के ही सीबीसीआईडी में डीजी जीएल मीना, तीसरे पर 1988 बैच के डीजी भर्ती बोर्ड राज कुमार विश्वकर्मा, चौथे पर 1988 बैच के डीजी इंटेलीजेंस देवेंद्र सिंह चौहान और पांचवें पर 1988 बैच के डीजी जेल आनंद कुमार हैं, लेकिन इनमें देवेंद्र सिंह चौहान डीजीपी की रेस में सबसे निकल गए.
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अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने दी जानकारी
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने जानकारी देते हुए एक पत्र में कहा कि कहा आरआर-1987 के पुलिस महानिदेशक लखनऊ के पद से स्थानांतरित हो जाने के बाद शासन द्वारा जनहित में आपको पुलिस महानिदेशक अभिसूचना के पद के दायित्वों के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक (विभागाध्यक्ष),का अतिरिक्त प्रभार दिये जाने का निर्णय लिया गया है.