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DCM दिनेश शर्मा ने pm मोदी के फैसले का किया स्वागत, कहा- देश की सुरक्षा के लिए चाइनीज एप का करें बहिष्कार

भारत-चीन विवाद का असर अब सीधे तौर पर दिखने लगा है. इस कड़ी में मोदी सरकार ने 59 चाईनीज एप को बैन कर दिया. जो भारत की बड़ी डिजिटल स्ट्राइक है.

Updated on: 30 Jun 2020, 11:43 AM

लखनऊ:

भारत-चीन विवाद (India china land dispute) का असर अब सीधे तौर पर दिखने लगा है. इस कड़ी में मोदी सरकार ने 59 चाईनीज एप (Chinewse App) को बैन कर दिया. जो भारत की बड़ी डिजिटल स्ट्राइक है. वहीं इस मामले में यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने ट्वीट कर पीएम मोदी के इस साहसिक फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने देश और देशवासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कड़ा निर्णय लिया है. मोदी सरकार ने 59 चाईनीज एप को बैन कर दिया है. मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन चाईनीज एप का बहिष्कार करें.

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विपक्ष ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल

भारत-चीन सीमा विवाद (Indo china land dispute) का असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है. इसका सीधा असर अब बाजार पर पड़ने लगा है. भारत में जहां चीनी सामानों (Chinese goods) बहिष्कार बड़े स्तर पर किया जा रहा है. सभी वर्ग के लोगों ने इस मुहिम में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. वहीं चीन के खिलाफ मोदी सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है. भारत ने चीन पर डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 59 चीनी मोबाइल एप बैन कर दिए हैं. भारत के युवाओं में इन ऐप का क्रेज था और डिजिटल मार्केट पर बड़ा कब्जा था. हालांकि इसके बाद अब कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत विपक्ष के कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने इस ऐप की टाइमिंग और चिन्हित ऐप पर सवाल खड़े किए हैं.

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जो लोग VPN से बैन ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनका क्या?

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा कि रविशंकर प्रसाद जी, क्या आपने चीनी ऐप बैन पर पूरा विचार किया? ऐसे में दो सवाल हैं कि जो लोग VPN से बैन ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनका क्या? और दूसरा लाखों फोन में जो ऐप अभी भी हैं, उनका क्या? क्या वो किसी तरह का खतरा नहीं हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि ये प्रतीकात्मक बैन ज्यादा है. इसके अलावा मनीष तिवारी ने लिखा कि चीनी ऐप को बैन करने का फैसला तो सही है, लेकिन पीएम केअर्स ने भी तो चीनी कंपनियों से पैसा लिया है, उनका क्या? क्योंकि चीन की हर ऐप में उसका खुफिया तंत्र का हाथ होता है.