आर्थिक तंगी और नोटबंदी से परेशान युवती ने अखिलेश यादव और नरेंद्र मोदी से मांगी मदद

अखिलेश यादव ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आगरा के डीएम गौरव दयाल को पीड़ित की हर संभव मदद करने का निर्देश दिया है।

अखिलेश यादव ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आगरा के डीएम गौरव दयाल को पीड़ित की हर संभव मदद करने का निर्देश दिया है।

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Deepak K
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आर्थिक तंगी और नोटबंदी से परेशान युवती ने अखिलेश यादव और नरेंद्र मोदी से मांगी मदद

Image Courtsey- Twitter

नोटबंदी के बाद सरकार भले ही दावा कर रही हो कि इस फ़ैसले से आम लोगों को आने वाले समय में फ़ायदा होगा। लेकिन सच तो ये भी है कि इस फ़ैसले ने वर्तमान में कई लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है।

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आगरा की एक युवती अपने पिता के मुंह के कैंसर रोग से परेशान हैं क्योंकि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं जिससे वो अपने पिता का ठीक तरीके से इलाज़ करवा सके। साथ ही जो थोड़े बहुत पैसे हैं भी तो उसके लिए घंटो लाइन में लगकर अपनी बारी के लिए इंतज़ार करना पड़ता है।

परेशान युवती ने ट्वीटर के ज़रिये सीएम अखिलेश और प्रधानमंत्री मोदी से मदद मांगी है। युवती ने ट्वीट किया है कि वो अपने कैंसर पीड़ित पिता को घर पर अकेला छोड़कर बैंक-एटीएम की लंबी कतारों में खड़ी नहीं हो सकती है।

अखिलेश यादव ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आगरा के डीएम गौरव दयाल को पीड़ित की हर संभव मदद करने का निर्देश दिया है।

आगरा में रहने वाली 25 साल की जूही के पिता नित्य प्रकाश को मुंह का कैंसर है। जूही का कहना है कि वो पिछले 3 महीने से आर्थिक तंगी का सामना कर रही हैं, लेकिन अब तो नोटबंदी के कारण उनकी परेशानियां और ज्‍यादा बढ़ गई हैं।

जूही के मुताबिक, नोटबंदी के कारण बैंकों के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी हैं, जिससे वह बैंक से पैसा नहीं निकाल पा रही हैं और परेशान हैं। मां के बाद अब वो पिता को नहीं खोना चाहती।

जूही ने बताया, 'मैं अपने बीमार पिता को घर पर छोड़कर घंटों कतार में नहीं लग सकती हूं। मैं अपने परिवार में अकेली हूं और अपने बीमार पिता की देखभाल कर रही हूं। 3 साल पहले मेरी मां की मौत हो चुकी है। मेरे 2 भाई भी हैं, लेकिन उनमें से एक खुद ही बहुत बीमार है और हरिद्वार के एक आश्रम में उसका इलाज चल रहा है। दूसरा भाई एक निजी फर्म में नौकरी करता है, लेकिन उसे नौकरी पर जाना पड़ता है। उसे मिलनी वाली सैलरी से ही घर चलता है।'

आगे इस युवती ने बीमार मां का हवाला देते हुए लिखा है, 'मेरी मां की मौत भी कैंसर के ही कारण हुई थी और अब मैं अपने पिता को नहीं खोना चाहती हूं। पिता ने जो पैसे बचाए, वो भी नहीं निकाल पा रही हूं...'

जूही ने बताया, 'मेर पिता जूते का बिज़नेस करते थे। उनका काम बहुत अच्छा चल रहा था। लेकिन जब मेरी मां को कैंसर हुआ, तो परिवार की स्थितियां बदल गईं। उनके इलाज पर काफी पैसा खर्च हो गया। हम ज़ीरो बैलेंस वाले बैंक खाते पर आ गए। पिता ने कुछ पैसे बचाए थे, लेकिन अब मैं उन पैसों भी नहीं निकाल पा रही हूं। हम पिता के ऑपरेशन का खर्च उठाने की स्थिति में नहीं है, लेकिन महीने में 6-7 हजार की दवाओं का खर्च उठा लेते हैं।'

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