logo-image

वापस लिया जाएगा सभी 896 नागरिक पुलिसकर्मियों के पदावनत का आदेश, CM योगी बोले- मनोबल पर न पड़े प्रतिकूल प्रभाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस एवं पीएसी कर्मियों के शौर्य और सेवाभाव की सराहना करते हुए निर्देश दिए हैं कि संबंधित कार्मिक जो पीएसी से निर्धारित व्यवस्था के अनुरूप शासकीय हित में 29 नवंबर 2004 तक नियमित रूप से प्रत्येक वर्ष एपी में भेजे गए थे.

Updated on: 07 Nov 2020, 06:40 AM

लखनऊ:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस एवं पीएसी कर्मियों के शौर्य और सेवाभाव की सराहना करते हुए निर्देश दिए हैं कि संबंधित कार्मिक जो पीएसी से निर्धारित व्यवस्था के अनुरूप शासकीय हित में 29 नवंबर 2004 तक नियमित रूप से प्रत्येक वर्ष एपी में भेजे गए थे. उस दिनांक को एपी में रिक्त पदों के सापेक्ष संबंधित कार्मिक संविलीन माने जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश द्वारा 9 सितंबर को जारी नागरिक पुलिस कार्मिकों के पदावनत आदेश को वापस लिया जाए. यही नहीं पीएसी के जो कार्मिक 29 नवम्बर 2004 के बाद सशस्त्र पुलिस/नागरिक पुलिस में चले गए थे. यदि वह निर्धारित मानक पूरे करते हों तो उन्हें भी नागरिक पुलिस में संविलीन किया जाए. मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.

इसके साथ ही अब यह भी स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में पीएसी के किसी कार्मिक को नागरिक पुलिस में नही भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पीएसी मुख्यालय द्वारा पीएसी एवं नागरिक पुलिस में प्रोन्नति के अवसर समानान्तर करने हेतु भी अलग से प्रस्ताव तैयार किया जाए. अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार उक्त के सम्बंध में आदेश जारी कर दिया गया है.