सुहाना हुआ दिल्ली-मेरठ का सफर, यहां जानें एक्सप्रेसवे की सभी खास बातें
दिल्ली से मेरठ तक का सफर 30 से 45 मिनट में तय किया जा सकता है. 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चला सकते हैं, 100 की स्पीड से ऊपर जाने पर चालान कटेगा.
highlights
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई है 60.4 किलोमीटर
- 45 मिनट में पूरा होगा दिल्ली से मेरठ तक का सफर
नई दिल्ली:
अब आपका दिल्ली से मेरठ तक का सफर सुहाना होने वाला है. अब आप न सिर्फ कम समय में दिल्ली से मेरठ पहुंच सकेंगे बल्कि अब आपको जाम से भी मुक्ति मिल जाएगी. गुरुवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के तीसरे और चौथे भाग को भी खोल दिया गया है, जिससे मेरठ और हरिद्वार जाने वालों के लिए काफी आसानी होने वाली है. न्यूज़ नेशन ने दिल्ली से मेरठ तक का सफर किया, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि दिल्ली से मेरठ तक का 60 किलोमीटर लंबा सफर 45 मिनट में पूरा होता है या नहीं. इसके अलावा ये एक्सप्रेसवे स्मूथ ड्राइविंग टेस्ट के पैमाने पर खरी उतरती है या नहीं, हमने इसके बारे में भी जानने की कोशिश की. हमने अपना सफर दिल्ली से सुबह 11.30 बजे शुरू किया था.
हमारा सफर पूरा हो, इससे पहले आपको दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की खासियत बताते हैं-
- दिल्ली से मेरठ तक का सफर 30 से 45 मिनट में तय किया जा सकता है.
- 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चला सकते हैं, 100 की स्पीड से ऊपर जाने पर चालान कटेगा.
- दिल्ली से मेरठ तक करीब 170 कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं, ताकि एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले सभी वाहनों पर नजर रखी जा सके.
- इस पूरे प्रोजेक्ट में करीब 8346 करोड़ रुपये का खर्च आया है.
- एक्सप्रेसवे के दो फेज को 2018 में ही खोल दिया गया था.
- दिल्ली के सराए काले खां से इस एक्सप्रेसवे की शुरुआत होती है और मेरठ तक इसकी कुल लंबाई 60.4 किलोमीटर है.
- दिल्ली के सराय काले खां से यूपी गेट, यूपी गेट से डासना और डासना से मेरठ तक का सफर सुहाना हो गया है.
- सुरक्षा के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों टोल प्लाजा के पास 24 घंटे एम्बुलेंस की सुविधा रहेगी.
- टोल प्लाजा पर पहली बार ATMS सिस्टम यानी एक्चुअल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया गया है, जिससे दूरी के हिसाब से टोल वसूला जाएगा.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर डासना में बोर्ड की सख्त जरूरत है क्योंकि यहां से मेरठ और मुरादाबाद के रास्ते को लेकर लोग काफी कन्फ्यूज हो रहे हैं.
हमने सफर के दौरान ये भी जांचा कि इस एक्सप्रेसवे पर ड्राइव कितनी स्मूद है, जिससे रोड की क्वालिटी का पता चले. इसके लिए हमने एक प्रयोग किया. हमने एक गिलास में पानी डालकर गाड़ी के डैशबोर्ड पर रख दिया. यदि एक्सप्रेसवे की ड्राइव स्मूद नहीं होती तो गिलास का पानी छलक कर बाहर निकल आता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, रोड इतना स्मूद है कि दैशबोर्ड पर गिलास में रखा पानी जरा सा भी बाहर नहीं गिरा. इसका सीधा मतलब ये है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे स्मूद ड्राइविंग की कसौटी पर बिल्कुल खरा उतरा है.
अब बारी थी कि क्या हम समय पर हैं? हमारे सफर को 10 मिनट हो चुके थे. हमने समय को देखकर 12.15 बजे तक मेरठ पहुंचने का टारगेट फिक्स किया था. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर अभी टोल शुरू नहीं हुआ है, जिसकी वजह से अभी आप मुफ्त में इस एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल कर सकते हैं.
लोगों का मानना है कि एक्सप्रेसवे शुरू होने से जाम के साथ-साथ समय और पैसों की भी बचत होगी. मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल भी हमारे साथ मेरठ एक्सप्रेसवे पर थे. उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली-मेरठ के व्यापार और शिक्षा में बढ़ोतरी होगी. मेरठ एक्सप्रेसवे को फिलहाल खोल दिया गया है लेकिन जल्द ही पीएम मोदी इसका औपचारिक उद्धघाटन करेंगे.
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