सीएए के खिलाफ अलीगढ़ में हुई हिंसा पर फैसला 7 जनवरी को

नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए छात्र आंदोलन संबंधी याचिका की सुनवाई कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.

नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए छात्र आंदोलन संबंधी याचिका की सुनवाई कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.

author-image
Yogendra Mishra
New Update
होशंगाबाद में हजार करोड़ की संपत्ति बेचने वालों पर मुकदमा

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए छात्र आंदोलन संबंधी याचिका की सुनवाई कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. अदालत सात जनवरी को अपना फैसला सुनाएगी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने की. सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि छात्रों ने स्वयं ही विश्वविद्यालय का गेट तोड़ा था. विश्वविद्यालय प्रशासन के बुलाने पर परिसर में पुलिस गई थी.

Advertisment

आगे बताया गया कि परिसर के भीतर पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं की और न ही जरूरत से ज्यादा बल का प्रयोग किया. सरकार की तरफ से घटना के समय की सीसीटीवी फुटेज भी सीडी के माध्यम से कोर्ट में दाखिल की गई है.

याची अमन खान ने पुलिस उत्पीड़न की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की मांग की है. उन्होंने कोर्ट को नाम भी सुझाए हैं. याची ने कहा कि पूरे मामले की सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के पास मौजूद है, जिसे वह नष्ट कर सकती है.

राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि विश्वविद्यालय के छात्रों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचने का इंतजाम किया गया. यहां तक कि कश्मीर से आने वाले छात्रों को बसों और ट्रेनों के जरिए उनके घरों को सुरक्षित पहुंचाया गया. किसी भी छात्र के लापता होने की कोई सूचना नहीं है.

कोर्ट को बताया गया कि पुलिस विश्वविद्यालय प्रशासन के आमंत्रण पर आंदोलनरत छात्रों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी होने पर परिसर में प्रवेश किया था. उग्र छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया और विश्वविद्यालय का मुख्य फाटक तोड़ डाला. पुलिस ने न्यूनतम बल प्रयोग किया और विश्वविद्यालय प्रशासन के सहयोग से परिसर को खाली कराया.

इस आंदोलन में पथराव करने वाले गिरफ्तार 26 लोगों में से केवल 12 ही छात्र पाए गए. बाकी बाहरी तत्व हैं, जिन्होंने छात्र आंदोलन को हिंसक रूप देने में मदद की.

Source : IANS

hindi news uttar-pradesh-news latest-news
      
Advertisment