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अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में फैसला कल, लखनऊ में सुरक्षा कड़ी

लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में 30 सितंबर यानी कल के दिन अपना फैसला सुनाएगी.

Updated on: 29 Sep 2020, 11:44 AM

लखनऊ :

अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में 30 सितंबर या कल का दिन निर्णायक है. लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में 30 सितंबर यानी कल के दिन अपना फैसला सुनाएगी. इस मामले में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता भी आरोपी हैं, जिनको लेकर अदालत 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी. हालांकि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है.

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राजधानी लखनऊ की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस प्रशासन के अफसरों की सक्रियता बढ़ाई गई. सीबीआई कोर्ट में पेश होने वाले आरोपियों की सुरक्षा के लिए 3 स्तरीय घेरा बनाया गया है. कैसरबाग स्थित सीबीआई कोर्ट परिसर का निरीक्षण करके सुरक्षा का खाका तैयार किया गया है. कुछ आरोपी जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त हैं, लिहाजा बुधवार सुबह पूरे परिसर की चेकिंग की जाएगी. कोर्ट परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों से नजर रहेगी.

पुलिस अधिकारियों के अलावा सादे कपड़ों में खुफिया दल तैनात रहेंगे. फैसला सुनाने से पहले और बाद में कोई भी बाहरी व्यक्ति परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा. कोर्ट के चारों तरफ बैरिकेडिंग लगाकर यातायात सामान्य किया जाएगा. इस रूट पर चलने वाले वाहनों को दूसरे रास्तों से आगे भेजा जाएगा कोर्ट के इर्द-गिर्द दंगा निरोधक वाहन फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है.

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उल्लेखनीय है कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को एक उन्मादी भीड़ ने बाबरी मस्जिद ढहा दी थी. इस मामले में कुल 48 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें से 16 की वाद विचारण के दौरान मृत्यु हो चुकी है. सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किए. विशेष सीबीआई अदालत में सभी 32 अभियुक्तों ने लिखित दलीलें 31 अगस्त को दाखिल की थी. मामले के कुल 32 जीवित अभियुक्तों में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती तथा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी शामिल हैं.