यूपी के गांवों और छोटे क्षेत्रों में भी जल्द लगेंगे डेटा सेंटर्स
यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 (जीआईएस-23) बड़ी भूमिका बनाने जा रहा है. विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग डेटा सेंटर नीति 2021 को संशोधित कर रहा है. इसके तहत आने वाले समय में गांवों और छोटे क्षेत्रों में भी डेटा सेंटर्स की स्थापना होगी. नीति में 900 मेगावाट के डेटा सेंटर क्षमता के साथ 30 हजार करोड़ रुपए निवेश का लक्ष्य रखा गया है.
लखनऊ:
यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 (जीआईएस-23) बड़ी भूमिका बनाने जा रहा है. विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग डेटा सेंटर नीति 2021 को संशोधित कर रहा है. इसके तहत आने वाले समय में गांवों और छोटे क्षेत्रों में भी डेटा सेंटर्स की स्थापना होगी. नीति में 900 मेगावाट के डेटा सेंटर क्षमता के साथ 30 हजार करोड़ रुपए निवेश का लक्ष्य रखा गया है.
संशोधित नीति में एज डेटा सेंटर की स्थापना पर भी फोकस किया गया है. इसका उद्देश्य लघु अंचलों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी छोटे डेटा सेंटर्स स्थापित कराने का है. इसकी क्षमता कम से कम 50 किलोवाट होगी. इसके अलावा एक डेटा सेंटर इकाई की क्षमता दो मेगावाट से अधिक और 40 मेगावाट से कम होगी. इसके लिए सरकार की ओर से एज डेटा सेंटर्स को डेटा सेंटर्स यूनिट्स के समकक्ष प्रोत्साहन मिलेगा, लेकिन इसके लिए निवेशक को प्रदेश में कम से कम 25 एज डेटा सेंटर्स की स्थापना करनी होगी.
संशोधित डेटा सेंटर नीति पर कैबिनेट में जल्द मुहर लगने के आसार हैं. नीति में डेटा सेंटर्स को दोहरा ग्रिड विद्युत नेटवर्क देना प्रस्तावित है. साथ ही प्रथम ग्रिड की लागत निवेशकर्ता और दूसरे की लागत आईटी और इलेक्ट्रानिक विभाग के वहन करने का प्रस्ताव है. इसके अलावा डेटा सेंटर क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की भी स्थापना का प्रस्ताव है.
सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार संशोधित डेटा सेंटर नीति तैयार करने से पहले आईटी और इलेक्ट्रानिक विभाग ने उद्योग संघों, निवेशकों, विकास प्राधिकरणों, ऊर्जा विभाग और अन्य विशेषज्ञों से सलाह ली है. इसके अलावा दूसरे राज्यों -- हरियाणा डेटा सेंटर नीति 2022, तमिलनाडु डेटा सेंटर नीति 2021, तेलंगाना डेटा सेंटर नीति 2016, कर्नाटक डेटा सेंटर नीति 2022 का भी तुलनात्मक अध्ययन, विभागीय प्रतिनिधियों आदि से परामर्श और चर्चा की गई है.
सीएम योगी के निर्देश पर सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रानिक्स विभाग ने उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति 2021 बनाई थी. नीति प्रदेश में डेटा सेंटर उद्योगों को स्थापित करने के लिए वैश्विक और घरेलू निवेशकों को आकर्षित कर रही है. नीति लागू होने के एक वर्ष के अंदर ही 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से डाटा सेंटर पार्क और यूनिट, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 636 मेगावाट की क्षमता के लगाए जा रहे हैं. देश में डेटा सेंटर नीति 2021 हिट हुई है. पांच के बजाय एक साल में ही तय लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है और देश में डेटा सेंटर निर्माण में प्रदेश अग्रणी राज्य बन गया है.
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