मेरठ में दलितों का हो रहा है पलायन (ANI)
SC/ST एक्ट को लेकर 2 अप्रैल को बुलाए गए दलित आंदोलन के बाद यूपी के मेरठ में हालात तेज़ी से बदल रहे हैं। मेरठ के शोभापुर निवासी चरण का आरोप है कि आंदोलन के बाद से इस इलाक़े में रह रहे दलित समुदाय के लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं।
चरण ने पुलिस पर समुदाय को धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा, '2 अप्रैल के बाद से हम लोग डर के साये में जी रहे हैं। दलित समुदाय के लोग गांव से पलायन कर रहे हैं। पुलिस द्वारा हमलोगों की धमकी दी जा रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमलोग अपना धर्म ही बदल लेंगे।'
वहीं मेरठ के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने इस तरह के सभी आरोप को सिरे से ख़ारिज़ किया है।
After April 2 protests(SC/ST act), we have been living in fear, #Dalit families are migrating from the village. Police has been threatening us.If this continues we will be compelled to convert to some other religion: Charan, resident of Shobhapur village in Meerut pic.twitter.com/cg4IqwIbt7
— ANI UP (@ANINewsUP) April 9, 2018
पुलिस महानिदेशक ने कहा, 'शोभापुर से दलित समुदाय के पलायन की ख़बर ग़लत है। पुलिस उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है जिनपर भारत बंद के दौरान हिंसा करने का आरोप है लेकिन किसी भी निर्दोष को सताया नहीं गया है। हो सकता है कुछ लोगों ने गांव छोड़ा हो लेकिन ये वो लोग हैं जिनके बारे में ऐसा कहा जा रहा है कि वो भी हिंसा में शामिल थे।'
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बता दें कि सोमवार को ही कांग्रेस ने पुरे देश में कथित दलित अत्याचार के मामले बढ़ने को लेकर उपवास किया था। सोमवार शाम उपवास ख़त्म होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी की मानसिकता ही दलित विरोधी है।
राहुल गांधी ने कहा, 'देश में जो माहौल बनाया गया है वो बीजेपी की विचारधारा के कारण हुआ है। बीजेपी की विचारधारा देश को बांटने की है, दलितों, आदिवासियों और अलपसंख्यकों को कुचलने वाली है और हम उनकी विचारधारा का हमेशा विरोध करेंगे।'
हालांकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के आरोप पर सफ़ाई देते हुए कहा, "बीजेपी सरकार के कार्यकाल में दलित समुदाय पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जैसा की पीएम मोदी भी हमेशा कहते हैं 'सबका साथ सबका विकास' हम उसी में भरोसा करते हैं। विपक्ष के पास भुनाने के लिए कोई मुद्दा है नहीं इसलिए वो जान-बूझकर इस तरह की बाते कर रही है।"
गौरतलब है कि दो अप्रैल को भारत बंद अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर कमजोर करने के प्रयासों के खिलाफ बुलाया गया था।
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Source : News Nation Bureau