कोरोना वायरस (Corona Virus) की इस आफत में भी साइबर ठग रहम खाने को तैयार नहीं हैं. आम आदमी की बात छोड़िये महामारी के इस दौर में साइबर ठगों (Cyber thug) ने शिकार किसी आम आदमी को नहीं बल्कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को ही बना डाला है. यह पुलिस अफसर देश के किसी दूर दराज शहर या देहात के इलाके के नहीं हैं. बेखौफ ठगों का शिकार होने वाले डीसीपी यानी पुलिस उपायुक्त हाल फिलहाल लंबे समय से तैनात हैं राष्ट्रीय राजधानी से सटे हाईटेक शहर ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में.
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साइबर ठगों ने फर्जी फेसबुक आईडी बना ली है, इसकी जानकारी खुद पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार सिंह ने दी है. राजेश कुमार सिंह की गिनती यूपी पुलिस के दबंग अफसरों में की जाती है. डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, 'हां, अनजान लोगों ने मेरे नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई है. इसकी जानकारी मुझे अपने कुछ परिचितों से ही मिली. दरअसल मेरे नाम से बनाई गयी इस फर्जी फेसबुक आईडी का भंडा तब फूटा जब मेरे जानने वालों से अज्ञात लोगों ने खुद को जरुरतमंद बताकर मोटी रकम ऐंठने की कोशिश की.'
डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने आगे कहा कि लोगों ने जब बताया तो मुझे विश्वास नहीं हुआ कि, मेरा भी कोई फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठगी करने की जुर्रत कर सकता है. साइबर ठगों के हमले के शिकार डीसीपी के मुताबिक, मेरे असली फेसबुक एकाउंट से मेरी फोटो चोरी करके ऐसा किया गया है. एक सवाल के जबाब में राजेश कुमार सिंह ने कहा, 'मुझे तब पता चला जब लोगों ने कहा कि मुझे पैसों की क्या जरूरत पड़ गई अगर आपको पैसे चाहिए तो आप सीधे मोबाइल पर मैसेज या बात कर लेते. फेसबुक के जरिये आप रुपये क्यों मांग रहे हैं?' यह तमाम बातें कई लोगों से लगातार सुनने को जब मिलीं तो डीसीपी को दाल में काला नजर आया.
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साइबर ठगों के जाल में फंसे डीसीपी के मुताबिक, ठगों ने पैसे मांगे सो मांगे, मेरा फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर तमाम लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भी भेज दी. एक सवाल के जबाब में राजेश कुमार सिंह ने आईएएनएस से कहा, 'संभव है कि ठग मेरे नाम की फर्जी फेसबुक आईडी पर कुछ और अनजान लोगों को जल्दी से जल्दी जोड़कर उन्हें भी अपने जाल में फंसाना चाह रहे हों, हालांकि अब इसके चांस कम हैं. क्योंकि मैंने अपने सर्किल में सोशल मीडिया के ही जरिये इस फर्जी फेसबुक आईडी के बारे में बताकर अधिकांश परिचितों को अलर्ट कर दिया है.'
डीसीपी राजेश कुमार सिंह के मुताबिक, फिलहाल मैंने यह मामला जांच के लिये गौतमबुद्ध नगर पुलिस की जिला साइबर सेल को दे दिया है. जांच चल रही है. कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगीं हैं. साइबर सेल जल्दी ही मामले का भंडाफोड़ कर देगी. उल्लेखनीय है कि, गौतमबुद्ध नगर जिले में ही कुछ समय पहले तैनात रह चुके एक इंस्पेक्टर के साथ भी इसी तरह की ठगी का मामला सामने आया था.
इसी तरह बीते साल दिल्ली के एक संयुक्त पुलिस आयुक्त के साथ तो इस सबसे भी चार कदम आगे साइबर ठग पेश आये थे. ट्रांसपोर्ट विंग में तैनात इन संयुक्त पुलिस आयुक्त के कार्ड से साइबर ठगों ने 28 हजार रुपये निकाल लिये थे. संयुक्त पुलिस आयुक्त को साइबर ठगों द्वारा ठग लिये जाने की जानकारी तब हुई जब वे पुलिस मुख्यालय (आईटीओ) में अपने दफ्तर में बैठे हुए थे, उसी समय उन्हें मोबाइल पर कार्ड से 28 हजार रुपये निकाल लिये जाने का मैसेज मिला.
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