लॉकडाउन से काशी में पुजारियों के सामने आया खाने पीने का संकट

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन है. इसी वजह से धर्म नगरी वाराणसी के कर्मकांडी पंडितों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. मंदिर और पूजन अर्चन के साथ मांगलिक कार्यो के बंद होने से सैकड़ो पुजारी परेशान हैं. काशी में पंडे-पुरोहितों की संख्या लगभग 2 लाख है.

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Yogendra Mishra
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प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन है. इसी वजह से धर्म नगरी वाराणसी के कर्मकांडी पंडितों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. मंदिर और पूजन अर्चन के साथ मांगलिक कार्यो के बंद होने से सैकड़ो पुजारी परेशान हैं. काशी में पंडे-पुरोहितों की संख्या लगभग 2 लाख है.

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लॉकडाउन में लगभग 2 महीने से ऊपर का समय बीत गया है और सभी तरह के धार्मिक कार्य बंद है. न मंदिरों के कपाट खुले हैं न ही भक्त आ रहे हैं और न ही कोई मांगलिक कार्य हो रहा है. पूजा पाठ कराने के लिए भी जजमान काशी नहीं आ रहे हैं ऐसे में अब यहाँ के कर्मकांडी पंडितों के आगे अपनी जीविका चलानी मुश्किल होती जा रही है. आलम ये है कि मंदिरों के सामने पंडित पूजन अर्चन कर जजमान की राह ताक रहे हैं और उन्हें निराशा के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लग रहा है.

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एक आंकड़े के मुताबिक यहाँ लगभग 2 लाख की संख्या है. ऐसे में ये सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. धर्म की इस नगरी में अब धर्म गुरु और अचार्य सभी मांग कर रहे है की कम से कम नियमों का पालन करते हुए मंदिर के पट खोल दिये जाएं ताकि पंडितों की रोजी रोटी की समस्या दूर हो सके.

काशी विद्वत परिषद और पातालपुरी मठ के महंत सभी एक सुर में कह रहे हैं की धार्मिक नगरी में धार्मिक कार्य के बंद होने से इसका प्रभाव सीधा कर्मकांडी पंडितों पर पड़ रहा है. काशी विद्वत परिषद ने तो सीएम योगी से मांग तक की है मध्य प्रदेश की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार कर्मकांडी पंडितों की कुछ आर्थिक मदद करें.

Source : News Nation Bureau

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