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HC का सुझाव- गाय को धर्म से न जोड़ें, घोषित किया जाए राष्ट्रीय पशु

गायों की हालत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बुधवार को बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार (Central Government) को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया है.

Updated on: 01 Sep 2021, 09:58 PM

प्रयागराज:

गायों की हालत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बुधवार को बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार (Central Government) को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया है. HC के सुझाव के अनुसार, केंद्र सरकार संसद में बिल लाकर गायों को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दे. हाईकोर्ट (HC) ने टिप्पणी की है कि जब गायों का कल्याण होगा, तभी देश का कल्याण होगा. गाय भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है. संसद जो भी कानून बनाए सरकार उस पर सख्ती से अमल भी कराएं.  

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि गायों को सिर्फ धार्मिक नजरिए से नहीं देखना चाहिए. हर देशवासी का फर्ज है कि वह गायों का सम्मान करें, उनकी सुरक्षा करें. कॉउ स्लॉटर एक्ट के तहत गिरफ्तार जावेद नाम के शख्स की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह सुझाव दिया है. कोर्ट ने आरोपी जावेद की जमानत अर्जी खारिज की. जस्टिस शेखर कुमार यादव की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. 

अर्जी पर शासकीय अधिवक्ता एसके पाल और एजीए मिथिलेश कुमार ने प्रतिवाद किया. याची पर साथियों के साथ खिलेंद्र सिंह की गाय चुराकर जंगल में अन्य गायों सहित मारकर मांस इकट्ठा करते टार्च की रोशनी में देखे जाने का आरोप है. 8 मार्च 21 से जेल में बंद हैं. शिकायतकर्ता ने गाय के कटे सिर से पहचान की. आरोपी मोटरसाइकिल छोड़ कर भाग गए. कोर्ट ने कहा कि 29 में से 24 राज्यों में गोवध प्रतिबंधित है. एक गाय जीवन काल में 410 से 440 लोगों का भोजन जुटाती है और गोमांस से केवल 80 लोगों का पेट भरता है. महाराजा रणजीत सिंह ने गो हत्या पर मृत्युदंड देने का आदेश दिया था. कई मुस्लिम व हिंदू राजाओं ने गोवध पर रोक लगाई. मल मूत्र असाध्य रोगों में लाभकारी है. गाय की महिमा का वेदों पुराणों में बखान किया गया है. रसखान ने कहा कि जन्म मिले तो नंद के गायों के बीच मिले. गाय की चर्बी को लेकर मंगल पाण्डेय ने क्रांति की. संविधान में भी गो संरक्षण पर बल दिया गया है.

हाईकोर्ट ने कहा कि गाय का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है. उसकी देवता के रूप में पूजा होती है. भारत में पेड़, पौधे, जल, पहाड़, वायु आदि की भी पूजा होती है. इसका वैज्ञानिक आधार है, ये मनुष्य जीवन के लिए लाभकारी है. कोर्ट ने कहा कि भारत की पहचान यहां के लोगों की उदारता है. जिस भी जीव से मनुष्य का कल्याण होता हो उसे अपनी उदारता के कारण भगवान मान लेते हैं. ऐसा ही गाय के साथ है. उसका गोबर, मूत्र, दूध और बछड़े मनुष्य के लिए उपयोगी है.

कोर्ट ने कहा कि भारतीय शास्त्र, पुराण, रामायण और  महाभारत जोकि भारतीय संस्कृति की पहचान है, उन्हीं से भारत देश जाना जाता है. इनमें गाय की महत्ता बताई गई है. इस कारण से गाय हमारी संस्कृति का आधार है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में वैतरणी पार करने के लिए गो दान का उल्लेख है. श्राद्ध कर्म में गाय का दूध, दही, घी का प्रयोग किया जाता है, जिससे पितरों को तृप्ति मिलती है. यज्ञ में गाय के घृत की आहुति दी जाती है.