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कोविड-19: उत्तर प्रदेश के 5 शहरों में योगी सरकार शुरू करेगी ऐंटीजन टेस्ट

उत्तर प्रदेश में हर रोज कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. नए मरीजों का पता लगाने में आरोग्य सेतु ऐप भी मददगार साबित हो रहा है.यूपी में आरोग्य सेतु ऐप के माध्यम से 168 लोग संक्रमित पाए गए हैं.

Updated on: 22 Jun 2020, 05:02 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हर रोज कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. नए मरीजों का पता लगाने में आरोग्य सेतु ऐप भी मददगार साबित हो रहा है. उत्तर प्रदेश में आरोग्य सेतु ऐप के माध्यम से 168 लोग संक्रमित पाए गए हैं. उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप से जनरेट अलर्ट से कुल 89520 लोगों को कंट्रोल रूम से कॉल किया गया. इनमें से 168 लोग संक्रमित हैं, जो अपना इलाज करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि 3421 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है.

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इसके अलावा अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि हम ऐंटीजन टेस्ट प्रारम्भ करने जा रहे हैं. सबसे पहले लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर और कानपुर नगर, इन 5 शहरों में ऐंटीजन टेस्ट शुरू किए जाएंगे. इसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश, विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का जो इलाका है वहां ऐंटीजन टेस्ट की व्यवस्था प्रारम्भ की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में टारगेटेड सैम्पलिंग की कार्रवाई लगातार जारी है. प्रदेश में अभी तक जो भी प्रवासी श्रमिक आए हैं, उनके गांवों में ओल्ड एज होम्स, नारी निकेतन व बाल गृह, अर्बन स्लम्स में भी सैम्पलिंग की गई थी. इसके साथ ही सरकारी व निजी अस्पतालों के कर्मचारियों की भी रैंडम सैम्पलिंग की गई थी.

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उन्होंने यह भी कहा कि आज हमारे द्वारा वेंडर्स, डिलीवरी ब्वाएज व रोड साइड ढाबों में कार्यरत लोगों की सैम्पलिंग की जा रही है। इसके परिणाम आने पर सभी के साथ साझा किए जाएंगे. इस प्रकार हम प्रदेश में जो ग्रुप बहुत वल्नरेबल हैं या जिन ग्रुप्स में मोबिलिटी अधिक है या जिनके बड़ी संख्या में लोगों के सम्पर्क में रहने की सम्भावना है, उनकी हम लगातार रैंडम सैम्पलिंग कर रहे हैं.

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अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जिन बड़े कार्यालयों में लोग अधिक संख्या में कार्यरत हैं, वहां भी कोविड हेल्प डेस्क बनाई जाएं और पल्स ऑक्सीमीटर व इंफ्रारेड थर्मामीटर भी उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने कहा कि यह प्रोटोकॉल लिखित में दिया गया है. अन्य विभागों में भी जहां कोविड हेल्प डेस्क बनाई जानी हैं, वहां भी हम लिखित रूप से यह गाइडलाइन देंगे.

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