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घर-घर मास्क-राशन बांट रही दिव्यांगों की 'दिव्य' टीम, पीएम मोदी भी सलमान के जज्बे को कर चुके हैं सलाम

शारीरिक रूप से सक्षम लोगों को मानवीयता की नई इबारत पढ़ाने में जुटी यह टीम, मुरादाबाद के हमीरपुर गांव के दिव्यांग सलमान खान की अगुवाई में लगातार आगे बढ़ रही है.

Updated on: 30 Apr 2020, 05:46 PM

मुरादाबाद:

Coronavirus (Covid-19) : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona Virus) की रोकथाम के मद्देनजर संकट की इस घड़ी में लोगों को बचाने के लिए दिव्यांगजन (Physical Disabled) अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. दिव्यांगों की एक दिव्य टोली घर-घर मास्क और राशन पहुंचाने में जुटी है. शारीरिक रूप से सक्षम लोगों को मानवीयता की नई इबारत पढ़ाने में जुटी यह टीम, मुरादाबाद के हमीरपुर गांव के दिव्यांग सलमान खान की अगुवाई में लगातार आगे बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हमीरपुर गांव निवासी सलमान खान की चप्पल और डिटर्जेट बनाने की फैक्ट्री है.

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30 दिव्यांग खुद मास्क बना रहे हैं और उन्हें घर-घर पहुंचाने में जुटे हैं

कोरोना संकट के कारण काम बंद है और दिव्यांग मजदूर भी खाली पड़े हैं. ऐसे में इस नेक कार्य को परवान चढ़ाने का निर्णय लिया गया. यहां कार्य करने वाले 30 दिव्यांग खुद मास्क बना रहे हैं और उन्हें घर-घर पहुंचाने में जुटे हैं. सलमान खान ने आईएएनएस से कहा कि ऐसे कठिन वक्त में खुद को सुरक्षित रखते हुए दूसरों की मदद को आगे बढ़ने का फैसला सबके सामूहिक निर्णय के बाद लिया गया. अब हम अपने पैसों से जरूरतमंदों में मास्क और राशन बांटने का कार्य कर रहे हैं. अल्लाह के करम से इससे दिल को सुकून मिल रहा है. 

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पीएम मोदी भी सलमान के जज्बे को सलाम कर चुके हैं

कोरोना (Coronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19) से रोकथाम व दूसरों की मदद के इस नेक कार्य में सलमान एक नजीर के रूप में देखे जा रहे हैं. वजह, वे खुद ही मास्क तैयार कर रहे हैं और उनके दिव्यांग साथी उन्हें घर-घर नि:शुल्क बांट रहे हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सलमान के जज्बे को 23 फरवरी को अपने रेडियो कार्यक्रम में 'मन की बात' में सलाम कर चुके हैं. इस घटना के बाद तो सलमान दोगुना रफ्तार से इस कार्य को परवान चढ़ाने में जुटे हैं. दिव्यांग सलमान ने बताया कि उसकी फैक्ट्री करीब आठ माह पहले शुरू हुई थी. इसमें जो भी कमाई कि थी उन्होंने उससे मास्क बनाने और जरूरतमंदों के लिए राशन इकट्ठा करने में खर्च कर दिया है.

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एक लाख रुपये इस कार्य में खर्च हो चुके हैं

अब तक लगभग एक लाख रुपये इस कार्य में खर्च हो चुके हैं. सलमान अपनी कमाई का पूरा पैसा जरूरतमंदों को राशन और मास्क बंटाने में खर्च कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि हमारा यह समूह अब तक तकरीबन 4 हजार लोगों को मुफ्त में मास्क बांट चुका है. दिव्यांगों की यह टोली दिन-रात एक कर जरूरतमंदों को मास्क उपलब्ध करवा रही है. सलमान का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात में उनका जिक्र करने के बाद कंपनी की सेल बढ़ गई थी. उसी दौरान एकत्रित किए गए पैसे को हमने इस कार्य में लगाया है. सलमान के मुताबिक उन्होंने 2 अप्रैल से मास्क और राशन बांटने का कार्य शुरू किया. राशन के हर पैकेट में 5 किलो आटा, 3 किलो चावल, 1 किलो प्याज, 1 किलो दाल, 1 किलो चीनी और मसाले के पैकेट दिए जा रहे हैं.

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वह बचपन से ही दिव्यांग हैं

राशन का वितरण करीब 150 लोगों में हो चुका है. सलमान का कहना है कि वह बचपन से ही दिव्यांग हैं. इस वजह से बहुत सी दुश्वारियां भी झेलीं हैं. जब भी किसी दिव्यांग को देखते हैं, तो उसमें हिम्मत पैदा करने का प्रयास करते हैं. शायद यही वजह भी है कि उन्होंने अपनी फैक्ट्री डाली और दिव्यांगों में छिपे हुनर को उभारने का प्रयास किया. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री की प्रेरणा ने हमारी टीम को कोराना से शुरू हुई जंग में बहुत आगे बढ़ा दिया है. लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद है. दिल्ली के आस-पास माल फंसा है. 3 मई के बाद अगर लॉकडाउन में ढील मिली तो हम लोग एक बार फिर से पैसा कमाएंगे. कोरोना को हराने के लिए और मजबूती से खड़े होंगे."