भ्रष्टाचार के आरोपी रणविजय सिंह की याचिका खारिज, कोर्ट ने सुनाया फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के कैंट थाने में रणविजय सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज एफ आई आर को रद्द करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि प्राथमिकी से प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के कैंट थाने में रणविजय सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज एफ आई आर को रद्द करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि प्राथमिकी से प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है.

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Sunder Singh
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file photo( Photo Credit : News Nation)

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के कैंट थाने में रणविजय सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज एफ आई आर को रद्द करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि प्राथमिकी से प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है. ऐसे में भजन लाल व अन्य केस में दिये गये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत हस्तक्षेप का आधार नहीं बनता. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने रणविजय सिंह की याचिका पर दिया है. जिससे रणविजय सिंह की परेशानी एक बार फिर गई हैं. अब रणविजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट में फिर से अपील दायर कर सकते हैं.

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याची का कहना था कि उसके खिलाफ कोई अपराध का खुलासा नहीं होता. ऐसे में एफ आई आर रद्द किया जाए. किंतु सरकारी वकील का कहना था कि संज्ञेय अपराध का खुलासा हो रहा है. याचिका खारिज की जाय. कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया किन्तु कहा है कि याची चाहे तो वह सक्षम  अदालत में  नियमानुसार अग्रिम जमानत या नियमित जमानत अर्जी दाखिल कर सकता है.

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HIGHLIGHTS

  • श्रम और रोजगार मंत्रालय ने चार लेबर कोड्स किये फाइनल
  • अब सभी लेबर कोड्स को अमल में लाने की राज्य सरकारों की होगी जिम्मेदारी 
याचिका खारिज Corruption accused Ranvijay Singh's petition dismissed the court ruled इलाहाबाद कोर्ट
      
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