नोएडा प्लॉट आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिये गये वरिष्ठ आईएएस अफसर राजीव कुमार—द्वितीय को जबरन सेवानिवृत्त करने की कार्यवाही शुरू की गयी है. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि 2016 से निलम्बित चल रहे कुमार को गत 31 अक्टूबर को एक नोटिस जारी करके उनसे जवाब मांगा गया था. सरकार को उसका जवाब मिल चुका है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार पर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति लागू की है और लापरवाह तथा दागी अफसर कार्रवाई की जद में आएंगे. प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार अगर कुमार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई तो वह कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, नयी दिल्ली को उन्हें जबरन रिटायर करने की सिफारिश भेजेगी. कुमार को नियमत: तीन जून 2021 को सेवानिवृत्त होना था.
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सीबीआई की एक अदालत ने 1994—95 में नोएडा प्राधिकरण के उप मुख्य अधिशासी अधिकारी के कार्यकाल के दौरान हुए प्लॉट आवंटन घोटाले में दोषी पाया था. उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिलने पर 2016 में उन्हें निलम्बित कर दिया गया था. प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार तथा लापरवाही के आरोप में अब तक विभिन्न विभागों के 600 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है. इनमें से 200 को जबरन सेवानिवृत्त किया गया है जबकि 400 से ज्यादा को निलम्बित/पदावनत किया गया है.