सोमवार को लखनऊ जेल से 97 कैदियों को आठ हफ्तों के लिए रिहा कर दिया गया. दरअसल कोरोना वायरस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दाखिल की गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए राज्यों को निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को एक कमेटी बनाकर 7 साल से कम की सजा पाए कैदी, बंदियों को जमानत और पैरोल पर छोड़ने के निर्देश दिए थे.
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश में भी कैदियों को रिहा करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया. इसमें हाईकोर्ट के जज सहित अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजी जेल आनंद कुमार बैठक में शामिल हुए. कमेटी के सुझाव के बाद यूपी की 71 जेलों में बंद 8500 विचाराधीन बंदी और 2500 सज़ायाफ्ता कैदियों को 8 हफ्तों के लिए तत्काल छोड़ने का निर्देश दिया.
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जमानत पर छोड़े जाएंगे 8500 विचाराधीन कैदी
उत्तर प्रदेश की जेलों में सात साल के कम की सजा पाए 8500 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत और निजी मुचलके पर छोड़ा जा रहा है. इसके साथ ही सात साल से कम की सजा पाए 2500 सजायाफ्ता कैदियों को 8 हफ्ते की पैरोल पर छोड़ा जाएगा. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश जेल में क्षमता से अधिक कैदियों के होने के कारण लिया है. प्रदेश की जेलों में 1.1 लाख कैदी बंद है जबकि क्षमता सिर्फ 60 कैदियों की है.
Source : News State