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यूपी में कोरोना प्रतिबंधों के कारण फूलों का व्यापार हुआ चौपट

फूलों के विक्रेता रवींद्र ने कहा, मेरी दुकान सोमवार को मनकामेश्वर मंदिर में, मंगलवार को हनुमान सेतु मंदिर में, गुरुवार को साईं मंदिर में और शनिवार को शनि मंदिर में फूलों की एक दुकान लगती है.

Updated on: 05 May 2021, 07:44 PM

highlights

  • कोरोना के कारण मैरीगोल्ड्स, ट्यूब गुलाब और हैप्पीओली के ऑर्डर रद्द
  • अधिकांश फ्लोरिस्ट लखनऊ में दुकान बंद कर चुके हैं 
  • लगातार दूसरे वर्ष भी फूल व्यापार महामारी की के कारण धीमा रहा

लखनऊ :

कोरोना के कारण मैरीगोल्ड्स, ट्यूब गुलाब और हैप्पीओली के ऑर्डर रद्द कर दिए गए हैं साथ ही अधिकांश फ्लोरिस्ट लखनऊ में दुकान बंद कर चुके हैं. लगातार दूसरे वर्ष भी फूल व्यापार महामारी की दूसरी लहर और सार्वजनिक घटनाओं प्रतिबंधों के कारण धीमा रहा. राज्य सरकार ने प्रतिबंधों को लागू किया है एक बार में पांच से अधिक व्यक्तियों को मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देते हैं. वहीं कई मंदिरों ने भक्तों के आने पर रोक लगा दी है साथ ही ना प्रसाद दे रहे हैं और ना ही प्रसाद ले रहे हैं.

फूलों के विक्रेता रवींद्र ने कहा, मेरी दुकान सोमवार को मनकामेश्वर मंदिर में, मंगलवार को हनुमान सेतु मंदिर में, गुरुवार को साईं मंदिर में और शनिवार को शनि मंदिर में फूलों की एक दुकान लगती है. पहले मैं ताजे फूल खरीदता था और वे पूरे सप्ताह रहते थे. लेकिन अब फूल मुरझा गए हैं. भक्त नहीं आ रहे हैं और जो भी आते हैं, वे प्रसाद या फूल नहीं खरीदते हैं क्योंकि वे मंदिरों के अंदर नहीं जा सकते.

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रवींद्र ने कहा कि महामारी से पहले वह हर दिन 800 से 900 रुपये तक कमाते थे. अब कोई बिक्री नहीं है. उन्होंने कहा कि जैसे ही यूपी में बंद हटाया जाएगा वह जीवित रहने के लिए ट्रैफिक सिग्नल पर खिलौने बेचना शुरू कर देगा. सीताराम, जो चमेली के फूलों से बनी माला बेचते थे और हनुमान सेतु मंदिर में सबसे अधिक मांग वाले फूल विक्रेताओं में से एक थे, ने कहा कि उनका व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया है.

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उन्होंने कहा, जैस्मीन के फूलों की लंबी शैल्फ लाइफ नहीं होती है और घंटों के भीतर विल्ट हो जाती है. मैंने व्यापार बंद कर दिया है जब तक कि प्रतिबंधों में ढील नहीं दी जाती है. सार्वजनिक समारोहों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया,जिससे गुलदस्ते और मालाओं की बिक्री पर भी असर पड़ा. होटलों ने फूलों की सजावट भी बंद कर दी है क्योंकि ग्राहक का फुटफॉल न्यूनतम है.

उत्तम ने कहा, पूरे फूल उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. फूलों की शेल्फ लाइफ नहीं है और फूलों की फसलें मांग में कमी के कारण खेतों में ही गल रही हैं. व्यवसाय को ठीक करने में हमें कई महीनों का समय लगेगा.