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मुस्लिम तुष्टिकरण का कांग्रेस ने चला फिर कार्ड, तीन तलाक कानून लेंगे वापस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी (Rashid Alvi) ने ऐलान किया है कि कांग्रेस (Congress) के सत्ता में आते ही ट्रिपल तलाक (Tripla Talaq) कानून को वापस ले लिया जाएगा.

Updated on: 09 Mar 2021, 02:47 PM

highlights

  • राशिद अल्वी ने मेरठ महापंचायत में दिया बड़ा बयान
  • तीन तलाक कानून लेंगे वापस सत्ता में आते ही
  • कृषि कानून भी वापस लेने की कह दी बात

मेरठ:

कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध को आधार बना अपनी खोई सियासी जमीन हासिल करने की जुगत में लगी कांग्रेस आसन्न विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति पर भी खुलकर काम कर रही है. न सिर्फ नागरिकता संशोधन कानून बल्कि तीन तलाक को भी भुनाना चाहती है. संभवतः इसी फेर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी (Rashid Alvi) ने ऐलान किया है कि कांग्रेस (Congress) के सत्ता में आते ही ट्रिपल तलाक (Tripla Talaq) कानून को वापस ले लिया जाएगा. राशिद अल्वी ने यह बात मेरठ में आयोजित किसान महापंचायत में कही. इस मंच पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद थी. गौरतलब है कि बाटला हाउस मुठभेड़ में साकेत कोर्ट के सोमवार को आए फैसले से कांग्रेस के लिए फिर असहज करने वाली स्थिति पैदा कर दी है. 

कृषि कानूनों को भी लेंगे वापस
मेरठ में आयोजित किसान महापंचायत में लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि हम सत्ता में आते ही तीन तलाक कानून को वापस ले लेंगे. हम ऐसा कानून लाएंगे जिसमें उन लोगों को तीन साल की सजा होगी जिन्होंने अपनी बीवियों को छोड़ दिया है. साथ ही राशिद अल्वी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर इन तीनों कृषि कानूनों को भी वापस ले लिया जाएगा. इसी महापंचायत में कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित किसान महापंचायत में लोगों को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि अंग्रेजों की तरह भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी किसानों का शोषण कर रही है.

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बीजेपी को कई मोर्चों पर घेरा
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों से बड़े उद्योगपतियों को लाभ होगा. प्रियंका ने आरोप लगाया कि इन कानूनों को बनाने से पहले किसी भी किसान से नहीं पूछा गया. उन्होंने कहा कि आंदोलन के सौ दिन पूरे हो गए हैं. अगर ये कानून किसानों के लिए बने हैं तो किसान दिल्ली की सीमा पर क्यों बैठे हैं. इसके अलावा प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों ने कई वर्षों तक जुल्म सहे हैं। इस आंदोलन के दौरान 200 से ज्यादा किसान शहीद हुए लेकिन भाजपा का एक भी सांसद इन किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़ा नहीं हुआ. प्रधानमंत्री ने किसानों को परजीवी कह कर उनका मजाक उड़ाया. मेरठ में किसान महापंचायत के दौरान प्रियंका गांधी ने आंदोलन में शहीद हुए किसानों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा.