उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वाहन और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के निर्देश पर आज प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर कोरोना काल में आर्थिक रूप से टूट चुके किसानों द्वारा धान की खरीद न्यूनतन समर्थन मूल्य से कम दाम पर किये जाने, गन्ना किसानों का बकाया 14 हजार करोड़ रुपये का अविलम्ब भुगतान किये जाने और निजी नलकूप के बिजली दामों में बढ़ोतरी को वापस लेने को लेकर व्यापक प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को किसानों की मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसान अपने धान को बेचने के लिए मारा-मारा फिर रहा है और सरकार उनकी तरफ आंख बंद कर के बैठी है. तमाम दावों के बाबजूद प्रदेश में अभी भी धान क्रय केंद्र नहीं खुल पाए है, जो थोड़े बहुत खुले है वहां पर धान किसानो के साथ नमी के नाम पर भारी कटौती कर उनका शोषण किया जा रहा है. इन किसानों को बिचैलियों के हाथों औने पौने दामो पर बेचने पर मजबूर किया जा रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य 1886 रूपये प्रति कुन्तल की घोषणा करने वाली भाजपा सरकार किसानों को मात्र 1100 से 1200 प्रति कुन्तल की दर से खरीद रही है. इसके लिए नमी आदि अनेक कारणों से धान की गुणवत्ताहीन बताकर कटौती कर रही है. जिससे पहले से ही आर्थिक रूप से टूट चुके किसान बदहाली दशा में पहुंच गये हैं.
योगी जी ने 14 दिनों गन्ना किसानों के भुगतान की बात कही थी
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार ने अपने घोषणा में गन्ना किसानों से 14 दिन में पूर्ण भुगतान करने का वादा किया था और ऐसा न होने पर ब्याज सहित रकम अदा करने की घोषणा की थी. परन्तु साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यह वादा पूरा नहीं हुआ है. सरकार अपने वादे के मुताबिक गन्ना किसानों को तत्काल बकाया गन्ने का भुगतान सुनिश्चित कराये.
नलकूपों की कीमतों में बढ़ोत्तरी को लेकर वापसी की मांग की
प्रदेश अध्यक्ष ने विगत माह में किसानों के निजी नलकूपों के बिजली की कीमतों में की गयी बढ़ोत्तरी का विरोध करते हुए बढ़ी हुई कीमतों को अविलम्ब वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि निजी नलकूपों की 5, 7.5 और 10 हार्स पावर के कनेक्शन की श्रेणी को समाप्त कर सभी नलकूपों को 12.5 हार्स पावर कनेक्शन की कीमत की अनिवार्यता आर्थिक रूप से तंगहाल किसानों पर बड़ा आर्थिक हमला है. कुछ किसानों को भूगर्व जल के स्तर की कमी के कारण ज्यादा हार्स पावर का कनेकशन मजबूरी में लगाना पड़ता है तो ऐसे सरकार को उन्हें सब्सीडी देनी चाहिए. सरकार ने बिजली की कीमत में 2017 और 2019 में भी बढ़ोत्तरी की थी यह सरकार की किसान विरोधी नीतियों का सबूत है.
राज्य के सभी 75 जिलों में कांग्रेस का प्रदर्शन
आज के इस धरना प्रदर्शन में प्रदेश के सभी 75 जनपदों में महामहिम राज्यपाल को इन तीनों मांगों के अलावा स्थानीय समस्यायें और छुट्टा पशुओं द्वारा खड़ी फसल को नष्ट किये जाने की समस्या से सम्बन्धित ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से सौंपा गया. कृषि सम्बन्धी समस्याओं के लेकर धरना प्रदर्शन लखनऊ के अलावा कानपुर, कानपुर देहात, जालौन, झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, महोबा, चित्रकूट, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज, बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर, गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, बाराबंकी, फैजाबाद, सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, भदोही, चन्दौली, सोनभद्र, सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, बरेली, पीलीभीत, शाहजहाॅंपुर, मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, सम्भल, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद, आगरा, बुलन्दशहर, इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रूखाबाद, कासगंज, एटा आदि जिलों में आयोजित हुआ.
Source : News Nation Bureau