/newsnation/media/media_files/2025/12/04/codine-cough-syrup-case-2025-12-04-14-12-02.jpg)
सांकेतिक तस्वीर
Codeine Cough Syrup in Bangladesh: भारत में कोडीन कफ सिरप घोटाले की जांच हर दिन नया मोड़ ले रही है. शुरुआती जांच में यह मामला करीब 100 करोड़ रुपये का माना जा रहा था, लेकिन अब इसका आकार बढ़कर 2,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा बताया जा रहा है. जांच एजेंसियों को पता चला है कि कफ सिरप की सप्लाई के साथ हवाला के जरिए पैसे के लेन-देन का बड़ा नेटवर्क भी सक्रिय था. भारत में 90 से 110 रुपये में मिलने वाला यह सिरप बांग्लादेश की ब्लैक मार्केट में 400 से 600 रुपये में बेचा जाता था. कीमत के इसी भारी अंतर से अपराधियों को बड़ा मुनाफा मिलता था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोडीन युक्त ‘फेंसेडिल’ सिरप पीने पर नींद और सुस्ती बढ़ती है, जिसे कई लोग नशे के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. बांग्लादेश में इसकी मांग इसलिए और ज्यादा थी, क्योंकि वहां शराब पर धार्मिक बंदिशें कड़ी हैं. कट्टरपंथी सोच वाले इलाकों में बड़ी संख्या में लोग शराब नहीं पीते, लेकिन नशे की चाह उन्हें कोडीन सिरप की ओर खींचती थी. महज 500-600 रुपये में एक बोतल से उन्हें वही असर मिलता था, जो शराब से होता है, और धार्मिक नियम भी नहीं टूटते थे. इसी कारण वहां इसकी अवैध बिक्री का बड़ा बाजार तैयार हो गया था.
क्या कहती है जांच
जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल ने झारखंड में अपनी फर्म और गोदाम बनाकर बंगाल के रास्ते सिरप बांग्लादेश तक भेजने का नेटवर्क तैयार किया था. भारत से बड़ी मात्रा में यह सिरप सीमावर्ती क्षेत्रों में पहुंचाया जाता था, जहां से तस्कर इसे सीमा पार ले जाते थे. बाद में बांग्लादेश से मिलने वाला पैसा हवाला के जरिए बनारस सहित पूर्वी यूपी के कई जिलों में फर्मों के माध्यम से समायोजित किया जाता था.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. गौरव जोशी ने मीडिया को बताया कि यह सिरप सामान्य रूप से सूखी खांसी से राहत देने के लिए प्रयोग होता है और डॉक्टर इसकी मात्रा बेहद सीमित रखते हैं, खासकर बच्चों के लिए. लेकिन यदि कोई वयस्क पूरी 100 एमएल की शीशी पी ले, तो यह आसानी से नशे जैसा असर देती है. कम आय वाले लोग या वे इलाके जहां शराब उपलब्ध नहीं होती, वहां कफ सिरप को नशे के रूप में इस्तेमाल किया जाना आम बात है. अब जांच एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क को खंगाल रही हैं, ताकि इस बड़े अवैध कारोबार की जड़ें पूरी तरह उखाड़ी जा सकें.
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us