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UP Govt
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया. उनके साथ प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद हैं. सीएम योगी राष्ट्रपति मुर्मू के साथ लखनऊ में सुल्तानपुर रोड स्थित गुलजार उपवन में शुक्रवार को ब्रह्मकुमारीज संस्थान पहुंचे. यहां राज्यस्तरीय ध्यान योग कार्यक्रम हो रहा है. मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं राष्ट्रपति मुर्मू का सीएम योगी और राज्यपाल पटेल ने स्वागत किया. वीवीआईपी मूवमेंट के कारण सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.
मा. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी का उत्तर प्रदेश की पुण्य धरा पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।@rashtrapatibhvnpic.twitter.com/X9IXipGjpe
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 28, 2025
बच्चों ने राष्ट्रपति का स्वागत किया
कार्यक्रम में मयूर नृत्य के साथ बच्चों ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. दीदियों को कलश तो भाईयों को ध्वजा देकर राष्ट्रपति ने उन्हें सम्मानित किया. छत्तीसगढ़ के रंगोली कलाकार हितेश ने गुलजार दादी और राष्ट्रपति की खूबसूरत सी रंगोली बनाई.
मा. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के कर-कमलों से आज लखनऊ में ब्रह्माकुमारीज के वार्षिक थीम 2025-26 'विश्व एकता और विश्वास के लिए ध्यान (योग)' का उद्घाटन हुआ।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 28, 2025
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की मा. राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम में सहभाग… pic.twitter.com/tw8uQ6PReT
समाज को जोड़ने में ये केंद्र बहुत अहम- सीएम
कार्यक्रम को सीएम योगी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये गौरव का पल है कि ध्यान योग को लेकर हम इतना बड़ा अभियान शुरू करने जा रहे हैं. राष्ट्रपति की हमारी मौजूदगी है. ये हमारी गौरव की बात है. उनकी भूमिका शिक्षक के रूप में बहुत अहम रही है. सीएम योगी ने कहा कि ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़े कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को इस अभियान के लिए बहुत बहुत बधाई. समाज को जोड़ने में ये केंद्र बहुत अहम है.
एक राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख के साथ ही मा. राष्ट्रपति जी का जीवन एक शिक्षक के रूप में भी प्रेरणादायी रहा है... pic.twitter.com/N1yARpbtw6
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 28, 2025
मृत्यु का डर भी आध्यात्मिक अनुभव से पीछे छूट जाता- राज्यपाल
राज्यपाल पटेल ने कहा कि 1937 में जब समाज व्याधियों से परेशान था, ऐसे वक्त में संस्थान की नींव रखी गई है. ये संस्था नारी शक्ति द्वारा संचालित है. राजयोग मेडिटेशन ऐसा साधन है, जो व्यक्ति को सद्गुण की ओर अग्रसर है. मृत्यु का डर भी आध्यात्मिक अनुभव से पीछे छूट जाता है.
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