फतेहपुर में मकबरे से जुड़ी हालिया घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए साफ किया है कि कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ़ कठोर कार्रवाई होगी. विधानसभा में विपक्ष के सवालों के जवाब में वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मामले में सरकारी मशीनरी की किसी भी तरह की संलिप्तता नहीं है और पूरी जांच निष्पक्ष रूप से चल रही है.
मंत्री ने स्पष्ट किया, “कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो भी व्यक्ति अराजकता फैलाने की कोशिश करेगा, उसे उसके कृत्य के अनुसार दंड मिलेगा. प्रदेश में कानून का राज हर हाल में कायम रहेगा.”
गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज
घटना के बाद पुलिस ने 10 नामजद और 150 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं के साथ-साथ आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत भी कार्रवाई हो रही है. यह धाराएं न केवल सख्त सजा का प्रावधान करती हैं, बल्कि सरकारी व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ विशेष प्रावधान भी लागू करती हैं.
अतिरिक्त सुरक्षा और शांति बहाली
क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है. दस थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी की दो कंपनियां मौके पर तैनात हैं. अधिकारी लगातार क्षेत्रीय भ्रमण कर रहे हैं और स्थानीय नागरिकों से संवाद स्थापित कर माहौल सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं.
राजनीतिक तकरार के बीच सख्त संदेश
विधानसभा में विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री खन्ना ने कहा कि इस घटना को लेकर अनावश्यक भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि जांच तथ्यों के आधार पर हो रही है और इसमें किसी तरह की पक्षपातपूर्ण भूमिका नहीं निभाई जाएगी.
सरकार का यह सख्त संदेश साफ है - कानून और व्यवस्था पर किसी भी प्रकार का दबाव या अफवाह असर नहीं डाल पाएगी, और जो भी व्यक्ति स्थिति बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ बिना देरी के कार्रवाई की जाएगी.
(रिपोर्ट- सैयद उवैस अली)