उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए स्थाई समाधान निकालने की कवायद शुरू कर दी है. इस दौरान नदी की स्थानीय परिस्थितियों को अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं. शुक्रवार को योगी ने कहा कि जहां कहीं नदी के मेन स्ट्रीम में सिल्ट की अधिकता हो, नदी उथली हो, वहां ड्रेजिंग को प्राथमिकता दी जाए. नदी को चैनलाइज किया जाए. यदि ड्रेजिंग से समाधान होना संभव न हो तब ही तटबंध अथवा कटान निरोधी के साथ अन्य उपायों को उपयोग किया जाए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी नदियों के ड्रोन सर्वेक्षण कर स्थानीय परिस्थितियों को लेकर पूरी जानकारी प्राप्त की जाए. शासन स्तर के आला अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा संबंधित तैयारियों की समीक्षा को लेकर सीएम ने बाढ़ के हालात पर पूरी समीक्षा की.
बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि को लेकर दशकों तक बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए बीते आठ वर्षों में किए गए तय प्रयासों के अच्छे परिणाम सामने आए हैं. बाढ़ के हालात से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में कमी आई है. विशेषज्ञों को सलाल दी गई कि आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए ताकि बाढ़ का खतरा कम हो सके.
इस दौरान सीएम को जानकारी दी गई कि जन-धन की सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है. 2018-19 से अब तक 1,575 बाढ़ परियोजनाओं को पूरा किया गया है. इसमें 305 परियोजनाएं अकेले वर्ष 2024-25 में पूरी हो चुकी हैं. 2024-25 में प्रयास से 4.97 लाख हेक्टेयर भूमि और 60.45 लाख की आबादी को काफी लाभ हुआ.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान निर्देश दिए कि इस सत्र में तय की गईं परियोजनाओं का प्राथमिकता के तहत नियत समय पर पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में देरी से कार्य प्रभावित होता है. इससे वित्तीय बजट भी बढ़ता है. ऐसे में सभी को तय समय सीमा में काम को पूरा करना चाहिए.