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CM Yogi की 100वीं काशी यात्रा पर बोले विद्वान, इससे जनता को मिला फायदा

काशी विश्वनाथ धाम, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है, उसकी एक-एक ईंट पड़ने के साक्षी रहे हैं. वो वाराणसी के हर हिस्से का दौरा कर चुके हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ साल 2017 में 6 बार काशी आए.

Updated on: 12 Oct 2022, 06:30 PM

highlights

  • सन्यासी होने के साथ राजधर्म निभा रहे योगी आदित्यनाथ
  • काशी का 100 बार दौरा करने वाले पहले मुख्यमंत्री
  • काशी के साथ मथुरा, अयोध्या, गोरखपुर के भी करते हैं दौरे

वाराणसी/नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सन्यासी है. वो उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे बड़े पद पर हैं. वो देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया भी हैं. इसके साथ ही वो गोरक्षपीठ के महंत भी हैं. ऐसा कोई पखवाड़ा नहीं बीतता, जब वो गोरखपुर की अपनी कर्मभूमि पर न पहुंचे. वो लगातार उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों की यात्राएं करते हैं. अयोध्या, काशी, मथुरा, गोरखपुर तो मानों उनकी पसंदीदा जगहें हों. मुख्यमंत्री के तौर पर वो अयोध्या के सर्वाधिक दौरे कर चुके हैं, तो काशी का 100वां दौरा करने वाले वो भी पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं. यही नहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर 89 बार बाबा विश्वनाथ के भी दर्शन कर उनसे पूरे राज्य की तरक्की का आशीर्वाद मांगा है.

ये हैं योगी आदित्यनाथ के काशी पहुंचने के आंकड़े

आधिकारिक आंकड़े कहते हैं कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से योगी आदित्यनाथ हर महीने और कई बार तो एक महीने में दो बार-तीन बार काशी की यात्रा करते हैं. वो काशी विश्वनाथ धाम, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है, उसकी एक-एक ईंट पड़ने के साक्षी रहे हैं. वो वाराणसी के हर हिस्से का दौरा कर चुके हैं.

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मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ साल 2017 में 6 बार काशी आए. साल 2018 में उन्होंने 22 बार काशी का दौरा किया. 2019 में ये आंकड़ा बढ़कर 23 हुआ, तो साल 2020 में 13 बार. साल 2021 में लॉकडाउन जैसी परिस्थियों के बावजूद 23 बार तो इस साल अभी तक वो 13 बार वाराणसी पहुंच चुके हैं. यही नहीं, योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक कुल 89 बार बाबा विश्वनाथ मंदिर की पूजा अर्चना भी कर चुके हैं.

योगी के दौरों को यूपी की किस्मत से जोड़ा

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के धर्म विज्ञान विभाग के प्रो विनय पांडेय हों या प्रो सुभाष पांडेय, सबका साफ कहना है कि किसी प्रदेश की राजा का किसी धार्मिक नगरी में आना बाबा विश्वनाथ दर्शन करना यह निजी पुण्य नहीं है बल्कि इसका फायदा प्रदेश वासियों को भी मिलता है और इसीलिए आज प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर दिखाई देता है. 

(इनपुट-सुशांत मुखर्जी)