CM योगी आदित्यनाथ 1 जून को करेंगे राम मंदिर के गर्भ गृह में पहला शिलापूजन
1 जून को सुबह 9:00 बजे से नक्काशी दार पत्थरों से रामलला के गर्भ गृह का निर्माण शुरू किया जाएगा. 2 वर्षों में रामलला के मंदिर की बुनियाद और प्लिंथ (कुर्सी) का निर्माण किया गया है.
लखनऊ:
अयोध्या रामलला का मंदिर जनवरी 2024 में बनकर तैयार हो जायेगा. पहले इसके लिए दिसंबर 2023 की समय सीमा तय की थी जब रामलला अपने भव्य मंदिर के गर्भ गृह में राम भक्तों को दर्शन देंगे लेकिन खरमास लगने के कारण और शुभ तिथि ना मिलने की वजह से अब जनवरी 2024 की महा संक्रांति के बाद श्री राम लला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे मंदिर निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है. रामलला के मंदिर के निमित्त गर्भ गृह का शिला पूजन 1 जून को किया जाना है. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के गर्भ गृह के प्रथम शिला पूजन करेंगे. महापीठ (गर्भ गृह के पीछे की दीवार) से गर्भ गृह का निर्माण शुरू होगा इसके लिए पांच दिवसीय अनुष्ठान राम जन्मभूमि परिसर में चल रहा है.
1 जून को सुबह 9:00 बजे से नक्काशीदार पत्थरों से रामलला के गर्भ गृह का निर्माण शुरू किया जाएगा. 2 वर्षों में रामलला के मंदिर की बुनियाद और प्लिंथ (कुर्सी) का निर्माण किया गया है. प्लिंथ का निर्माण मात्र गर्भ गृह स्थल पर ही पूरा हुआ है. इस काम के पूरे मंदिर प्रांगण में सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है.
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रामलला का गर्भ गृह 20 फुट चौड़ा और 20 फुट लंबा होगा. गर्भ गृह की बाहरी दीवार 6 फुट मोटी होगी. गर्भ गृह के ठीक पीछे की दीवार जिसे महापीठ कहा जाता है उसी दीवाल के प्रथम शीला का पूजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे और फिर विद्युत जामवाल की मौजूदगी में शास्त्र सम्मत बहुप्रतीक्षित रामलला के गर्भ गृह का निर्माण शुरू हो जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर नकाशी दार पत्थरों से बनेगा हल्के गुलाबी रंग का बलुआ पत्थर है. बुधवार सुबह 9:00 से 11:00 तक नक्काशी दार पत्थरों को गर्भ गृह के चारों ओर स्थापित करना प्रारंभ करेंगे. अभी तक 2 वर्ष में मंदिर की नींव बनी है और मंदिर का फर्श ऊंचा किया गया है. रामलला के गर्भ गृह में विराजमान किए जाने को लेकर चंपत राय ने बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा है कि दिसंबर 2023 सूर्य दक्षिणायन में रहेंगे सूर्य देवता 1 वर्ष में आधा काल उत्तरायण में और आधा वर्ष दक्षिण में रहते हैं. मकर संक्रांति से सूर्य देवता उत्तरायण में आ जाते हैं यानी पूरब से पश्चिम के जाने का मार्ग धीरे-धीरे उत्तर दिशा की ओर होने लगता है सभी प्रकार के श्रेष्ठ कामों के लिए उत्तरण का कार्य ठीक माना जाता है इसलिए जनवरी 2024 बोला है.
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