दुनिया को जब जरूरत पड़ी तब-तब संतों ने सहारा दिया: योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरक्षपीठ मंदिर परिसर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित होने वाले जयंती-पुण्यतिथि समारोह के उद्घाटन सत्र और संगोष्ठी की अध्यक्षता की.

author-image
Yogendra Mishra
New Update
दुनिया को जब जरूरत पड़ी तब-तब संतों ने सहारा दिया: योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरक्षपीठ मंदिर परिसर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित होने वाले जयंती-पुण्यतिथि समारोह के उद्घाटन सत्र और संगोष्ठी की अध्यक्षता की. सीएम के साथ मंच पर मुख्य अतिथि जबलपुर से आये स्वामी श्यामदास, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो सतीश चंद्र मित्तल सहित कई सन्त मौजूद रहे. यह कार्यक्रम गोरक्षपीठ के दिवंगत महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के साप्ताहिक जयंती-पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया गया. पूरे सप्ताह तक हर रोज सुबह 10.30 बजे से यहां अलग अलग विषयों पर परिचर्चा आयोजित की जाएगी.

Advertisment

यह भी पढ़ें- अगस्ता वेस्टलैंड मनी लॉन्ड्रिंग केस में रतुल पुरी की रिमांड बढ़ी, अब 16 सितंबर को होगी पेशी

आज का विषय 'राष्ट्रीय पुनर्जागरण यज्ञ एवं सन्त समाज' है. इस कार्यक्रम से पहले सीएम योगी और सभी सन्तों ने दिवंगत महंत दिग्विजय नाथ और महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर जाकर पूजा अर्चना की. सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि हर साल गोरक्षपीठ की ओर से महंत दिग्विजय नाथ और महंत अवेद्यनाथ जी की स्मृति में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं.

यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में BJP ने घंटा बजाकर किया 'घंटानाद आंदोलन', कई नेता गिरफ्तार

भारत के संतों की परंपरा बहुत समृद्ध परंपरा है. जब इस देश की कोई भी पक्ष सुप्ता अवस्था में होता है तो उसे जागृत अवस्था में लाने के लिए भारतीय संत शक्ति समय-समय पर आपने उस दर्शन तथा अपने मार्गदर्शन के माध्यम से उनको प्रेरित और प्रोत्साहित करती रही है. योगी आदित्यनाथ: राम लीलाओं के माध्यम से हम उनकी लीलाओं को जानते हैं लेकिन यह अगर कहीं से शुरू होता है तो वह महर्षि विश्वामित्र के द्वारा किया गया था. देश और दुनिया की कोई ऐसी भाषा नहीं है.

यह भी पढ़ें- बारिश के कारण लगे जाम को हटवाने लगे मंत्री जीतू पटवारी, लोग देख कर हुए हैरान, VIDEO वायरल 

जहां पर भगवान राम का चरित्र उस भाषा मे लिखा नहीं गया लेकिन इसका मूल अगर कहीं है तो महर्षि बाल्मीकि का रामायण है. सीएम योगी ने कहा कि हम भारत की समृद्धि परम्परा के वारिस हैं. आदि शंकराचार्य ने देश के 4 कोनों में 4 पीठों की स्थापना करके भारत को जोड़ने का कार्य किया था. उन्होंने इसके माध्यम से जागरण का कार्य पूरे देश मे किया था.

यह भी पढ़ें- दिग्विजय सिंह ने किया ऐसा ट्वीट पढ़कर हो जाएंगे हैरान, जमकर हुए ट्रोल 

उन्होंने समाज के उन सभी वर्गों को अपने साथ जोड़ा जिन्हें समाज अछूत मानता था. यहां योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया मे कुछ ऐसे लोग हैं जिनको शांति अच्छी नही लगती. 11 सितम्बर को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था जबकि इसी 11 सितंबर को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपने ज्ञान से भारत का झंडा फहराया था. 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना गोरखपुर में होना इसी लोक कल्याण का एक हिस्सा है. राम जन्मभूमि आंदोलन में गोरक्षपीठ की सक्रियता भी इसी लोककल्याण का एक हिस्सा है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Yogi adityanath in gorakhpur Gorakhpur News hindi news uttar-pradesh-news Yogi Adityanath Government
      
Advertisment