अयोध्या में सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राज सदन में आयोजित कल्चरल प्रोग्राम में राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमारी तीन पीढ़ियों ने श्रीराम जन्मभूमि के लिए काफी संघर्ष किया. हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं. अगर राम मंदिर के लिए सत्ता गंवानी भी पड़े तो कोई समस्या नहीं है. सीएम के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में आज दीपोत्सव का बड़ा पर्व बना है. यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस दौरान दीपोत्सव शुरू किया तो कई चुनौती सामने आई. ऐसी धारणा थी कि सीएम के रूप में अयोध्या जाने पर विवाद न हो जाए. इस दौरान एक वर्ग ऐसा था कि जिसने कहा कि आप जाएंगे तो राम मंदिर पर बात होगी. हमने कहा कि सत्ता के लिए कौन आया था. अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ी तो नहीं होनी चाहिए कोई समस्या.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर हमला किया. आपको बता दें कि सोमवार को सीएम अयोध्या पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने रामलला के दर्शन किए. उन्होंने हनुमानगढ़ी में भी पूजा की.
अयोध्या के संतों ने दी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री के बयान के बाद अयोध्या के साधु-संतों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सराहनीय कदम है. उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ पहले संत हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्वज तीन पीढ़ियों से राम मंदिर के लिए पूरी रह से समर्पित हैं. जब वे पहली बार सीएम बने थे तब उन्होंने कहा था कि अधिकारी कह रहे थे कि आपके जाने से कुर्सी को खतरा होगा. इस सीएम योगी ने कहा कि राम मंदिर के लिए कुर्सी भी जाए, हमें किसी तरह की दिक्कत नहीं है. राष्ट्रवादी बालसंत दिवाकर आचार्य का कहना है कि बीते 10 वर्षों में सीएम योगी ने सराहनीय कदम उठाया है.