बुलंदशहर हिंसा मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार सार्वजिनक मंच पर बोला. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोई मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई है. बुलंदशहर में जो हुआ, वो एक दुर्घटना थी. शुक्रवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या मॉब लिंचिंग में नहीं हुई, बल्कि वो एक दुर्घटना थी.'
बता दें कि बुलंदशहर हिंसा मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. हालांकि इस मामले में योगी सरकार की ओर से सख्त कदम उठाने की बात कही जा रही है. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा मामले में प्रदेश सरकार ने शनिवार को बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्णा बहादुर सिंह का तबादला कर दिया और उन्हें पुलिस महानिदेशक के कार्यालय से संलग्न कर दिया. गृह विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
इसे भी पढ़ें : बुलंदशहर हिंसा: सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा- अगर सबूत होगा तो जीतू फौजी को पेश किया जाएगा
राज्य सरकार ने प्रभाकर चौधरी को बुलंदशहर का नया जिला पुलिस प्रमुख बनाया है. अधिकारियों ने बताया कि बुलंदशहर में सोमवार को हुई मॉब लिंचिंग के मामले में दो और पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया है. भीड़ द्वारा की गई हिंसा में एक इंस्पेक्टर और एक नागरिक की मौत हो गई थी.
मंडल अधिकारी (सीओ) सत्य प्रकाश शर्मा और चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार को क्षेत्र में सोमवार को हुई घटना को सही समय पर काबू में करने में नाकाम रहने पर स्थानांतरित किया गया है.
यह निर्णय अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक एसबी शिराडकर द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था.
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि खेत में कुछ हिंदूवादी संगठनों के कार्यककर्ताओं द्वारा गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बिगड़ी स्थिति को संभालने में नाकाम रहने की वजह से दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है.
और पढ़ें : क्या अब भी हिंदू विरोधी हैं राहुल गांधी, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी, दिल्ली विवि के प्रोफेसर ने लगाए ये आरोप
इस भीड़ हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी गांव के रहने वाले सुमित सिंह की मौत हो गई थी.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. डीजीपी ने इस मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी थी.
Source : News Nation Bureau