माघ मेले पर श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर है. इस बार माघ मेले में सभी स्नानों पर श्रद्धालुओं को स्नान और आचमन पर स्वच्छ गंगा जल मिलेगा. गंगा में गुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा तयशुदा मानकों से ऊपर है. माघ मेले में श्रद्धालुओं को स्नान के लिए इस बार साफ गंगाजल मिलेगा. ऐसा इस लिए क्योंकि गांग में प्रदूषक तत्वों की मात्रा कम हुई है.
इसके साथ ही घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा तयशुदा मानकों से ज्यादा है. मिर्जापुर से बलिया तक गंगा के जल की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लिए गए नमूनों में अप स्ट्रीम नगवां क्षेत्र यानी जहां से गंगा काशई के घाटों में प्रवेश करती है, वहां डीओ करीब 9 के आसपास बना हुआ है.
वहीं डाउन स्च्रीम जहां गंगा काशी से आगे चलकर गाजीपुर और बलिया की ओर बढ़ती है. वहां घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा आठ से सवा आठ के बीच है. काशी की सबसे बड़ी चुनौती डाउन स्ट्रीम को लेकर है. क्योंकि डाउन स्ट्रीम में राजघाट के आगे गंगा में वरुणा नदी का पानी मिलता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गंगा में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा मानकों के करीब है. गंगा में पानी और बहाव के कारण प्रदूषम की मात्रा कम हुई है. माघ मेला को लेकर गंगा के पानी की रिपोर्ट हर रोज शासन को भेजी जा रही है. मिर्जापुर से बलिया तक माघ मेला स्नान के लिए गंगा के पानी को योग्य बनाया जा रहा है. यही नहीं जो श्रद्धालु अभी से काशी पहुंचने लगे हैं उन्हें भी गंगा स्नान के बाद पहले से बेहतर एहसास हो रहा है.
Source : News Nation Bureau