वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने 3313 सहायक शिक्षकों को दिये नियुक्तिपत्र, कही ये बात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है. पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी. इसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है
नई दिल्ली :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है. पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी. इसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है. बावजूद इसके नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को जेल में ही ठिकाना मिलेगा. मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां अपने सरकारी आवास पर 3317 सहायक शिक्षकों को पद स्थापन एवं नियुक्तिपत्र वितरण समारोह के वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना की.
इसके साथ ही कहा कि याद कीजिये साढ़े तीन साल पहले उप्र लोक सेवा आयोग की शोहरत किस वजह से थी. अब उसके उलट यह नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए जाना जाता है. अब यहां नियुक्ति का एक मात्र मानक मेरिट है. आप लोगों का चयन खुद में इसका प्रमाण है. उप्र लोक सेवा आयोग से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए चयनित इन शिक्षकों में से बाराबंकी की ज्योति शर्मा, लखनऊ की कीर्ति वर्मा, बाराबंकी के अखलाख, प्रयागराज के संदीप कुमार सिंह और अयोध्या की सुमित्रा देवी को मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से नियुक्तिपत्र भी सौंपा.
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खुद रहें और बच्चों को भी करें तकनीकी रूप से अपडेट
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि मौजूदा युग तकनीक का है. खुद भी तकनीकी रूप से अपडेट रहें और बच्चों को भी करें. तकनीक ही पारदर्शिता की कुंजी है. अगर तकनीक नहीं होती तो हम कोरोना के इस अभूतपूर्व संकट में जरूरतमंदों को पेंशन, भरण-पोषण भत्ता और किसान सम्मान निधि के रूप में एक क्लिक पर लाभ नहीं पहुंचा पाते. तकनीक की वजह से ही हम कोरोना के इस दौर में ऑनलाइन प्रक्रिया से पठन-पाठन की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रख सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा हमारी पूंजी है. जो जिस लायक है उसकी मेरिट का सम्मान करते हुए वह जगह मिल रही है. मेरिट के आधार पर ही हमने अब तक करीब 3.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है. इतनी ही नौकरी देने जा रहे हैं. शुरुआत हो चुकी है.
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अपनी खूबियों से बच्चों के लिए मार्गदर्शक बनें
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुछ नवनियुक्त शिक्षकों से बात भी की. उन्होंने कहा कि शिक्षक मार्गदर्शक होता है. इस रूप में उसका फर्ज भी बड़ा होता है. अगर एक शिक्षक पूरी लगन और ऊर्जा से बच्चों को पढ़ाए तो उसमें समाज बदलने की क्षमता होती है. अपने काम से वह न केवल बच्चों में बल्कि समाज में भी सम्माननीय होता है. आने वाली पीढ़ियों के लिए वह नजीर बना जाता है, पर इस सबके लिए उसे खुद को साबित करना अपने कार्य एवं व्यवहार से साबित करना होता है. यकीनन आपमें यह क्षमता है. आपका चयन आपकी मेरिट के आधार पर हुआ है. खुद को अपने विषय के बारे में अप्डेट रखें. नियिमत स्कूल जाएं. मेहनत से बच्चों को पढ़ाएं. खुद को अपडेट रखें.
जिन शिक्षकों से बात हुई उनमें मेरठ के जगमोहन सिंह, प्रयागराज की स्मिता जायसवाल, गोरखपुर की निकहत परवीन और हेमप्रभा एवं मनीष कुमार मिश्रा और झांसी की ज्योति है.
शिक्षा में हुआ गुणात्मक सुधार:दिनेश शर्मा
उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान माध्यमिक शिक्षा की उपलब्धियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि समय से सत्र, नकल विहीन परीक्षा और तय समय में नतीजे हमारी उपलब्धियां रहीं. साथ ही पठन-पाठन के क्षेत्र में भी विभाग ने गुणात्मक सुधार किया.
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