सड़क सुरक्षा पर सीएम योगी सख्त, बोले- हादसों की जिम्मेदारी से नहीं बच सकते अधिकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यमुना एक्सप्रेस-वे हादसे के चार दिन बाद गुरुवार को सड़क सुरक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों पर नाराजगी जताई.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यमुना एक्सप्रेस-वे हादसे के चार दिन बाद गुरुवार को सड़क सुरक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि ऐसे हादसे का दोष सिर्फ चालकों के मत्थे मढ़कर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते. योगी ने लोकभवन में अधिकारियों से कहा कि जनता के जीवन के साथ समझौता कतई सहन नहीं होगा. परिवहन विभाग में युद्ध स्तर पर सुधार की आवश्यकता है. हादसे सिर्फ चालकों के मत्थे मढ़कर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते.
यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश के रोडवेज चालकों ने सोशल मीडिया पर बयां किया अपना दर्द, पढ़ें पूरी खबर
उन्होंने कहा कि कंडम बसें और डग्गामार वाहनों को स्क्रैप कर दिया जाए. अन्य प्रदेशों से आने और जाने वाली बिना परमिट की बसों को प्रदेश से गुजरने की अनुमति न दें. जो भी कानून का उल्लंघन करे, उससे पूरी सख्ती से निपटें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जिलों में सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों के साथ हर माह बैठक करें और उसकी समीक्षा हर महीने मुख्य सचिव करें. हर तीन महीने सड़क सुरक्षा को लेकर सूचना विभाग, परिवहन विभाग और यातायात विभाग व्यापक अभियान चलाए. ओवर स्पीड को रोकने की व्यवस्था की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि रम्बल स्ट्रिप हर 15 किलोमीटर पर होना चाहिए. हाइवे पेट्रोलिंग वाहन, डायल 100 और एम्बुलेंस के कर्मचारियों को सही ढंग से प्रशिक्षण दिया जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी वाहन चालकों का मेडिकल चेकअप, लाइसेंस की जांच, उनकी पूरी स्क्रीनिंग और चालकों के स्टेयरिंग पर बैठने से पहले और गंतव्य तक पहुंचने पर उनका ब्रेथ एनेलाइजर टेस्ट कराया जाए. रात में 400 किलोमीटर तक या उससे ज्यादा चलने वाली बसों में दो ड्राइवर रहें. अधिकारियों एवं मंत्रियों के चालकों का भी मेडिकल चेकअप हो.
यह भी पढ़ें- मायावती का हमला- बीजेपी सत्ता का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को कलंकित कर रही है
मुख्यमंत्री ने बैठक में मौजूद जेपी इन्फ्राटेक के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, 'प्रदेश सरकार आपकी कंपनी को गलत कार्य करने की इजाजत नहीं दे सकती. टोल आप वसूलते हैं, तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी आपकी जिम्मेदारी है. आईआईटी-दिल्ली द्वारा बताए गए सुरक्षा के सभी 13 सुझावों का पालन करिए. यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के अधिकारी इस बात को सुनिश्चित करें, अगर मानकों का पालन नहीं हो रहा है तो कंपनी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें.'
मुख्यमंत्री स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी खासे चिंतित दिखे. उन्होंने कहा कि जिन मारुति वैन, टैम्पो को रिजेक्ट कर दिया जाता है, उन्हें स्कूल में चलाया जा रहा है. रिक्शों पर बच्चे लटक कर स्कूल जाते हैं. स्कूल का वाहन चलाने वाले सभी चालकों की मेडिकल जांच के साथ ही पुलिस सत्यापन कराएं. स्कूली वाहनों का नियमित फिटनेस टेस्ट सत्र शुरू होने से पहले हो जाना चाहिए. इनके लिए जरूरी हो तो छुट्टी के दिन भी आरटीओ कार्यालय खोलें. जो भी वाहन फिटनेस पास हो, उनको ही सड़क पर चलने की अनुमति दी जाए.
यह भी पढ़ें- बस चलाने से पहले अब ड्राइवरों को वज्रासन करना होगा, परिवहन विभाग ने निकाला यह नया फॉर्मूला
योगी ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करे कि कोई हादसा होने पर 10-15 मिनट के भीतर वहां पर घायलों के लिए जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों. जितने भी ट्रॉमा सेंटर हैं, वे चलने चाहिए, इनमें आथरेपेडिक सर्जन की व्यवस्था हो.
यह वीडियो देखें-
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा