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मेरठ के CCS यूनिवर्सिटी के छात्र पढ़ेंगे CM योगी और बाबा रामदेव का योग

मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने (Chaudhary Charan Singh University) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath), योगगुरू बाबा रामदेव (Baba Ramdev), बशीर बद्र, कुंवर बेचैन, जग्गी वासुदेव जैसी हस्तियों को भी पढ़ेंगे.

Updated on: 01 Jun 2021, 03:12 PM

highlights

  • CCS विश्वविद्यालय ने बाबा रामदेव के योग को पाठ्यक्रम में शामिल किया
  • बाबा रामदेव के अलावा सीएम योगी और कुंवर बेचैन भी पढ़ाए जाएंगे

नई दिल्ली:

बाबा रामदेव को लेकर एक ओर जहां देश में कुछ लोग बवाल काटने में लगे हैं, तो वहीं चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ (Chaudhary Charan Singh University) के छात्र अब बाबा रामदेव की पढ़ाई करेंगे. मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath), योगगुरू बाबा रामदेव (Baba Ramdev), बशीर बद्र, कुंवर बेचैन, जग्गी वासुदेव जैसी हस्तियों को भी पढ़ेंगे. यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ स्टडीज ने इन हस्तियों की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया है. मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय बाबा रामदेव के योग को पाठ्यक्रम में शामिल करेगा.

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बोर्ड ऑफ स्टडीज के संयोजक कहते हैं कि नए पाठ्यक्रम में भारतीय वैज्ञानिकों, कवियों सहित अन्य पर पाठ शामिल हैं. इसमें योग गुरु रामदेव का पाठ भी शामिल है. नए पाठ्यक्रम में सीएम योगी को भी शामिल किया गया है. दरअसल दर्शन शास्त्र विषय की बोर्ड ऑफ स्टडीज ने योगी आदित्यनाथ और रामदेव दोनों शख्सियतों की लिखी हुई पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है. इसी के साथ जग्गी वासुदेव की ईशा क्रिया ओशो को भी कोर्स का हिस्सा बनाया गया है. 

वहीं बीए उर्दू में प्रसिद्ध शायर डॉ बशीर बद्र गीतकार डॉ कुंवर बेचैन को भी शामिल किया गया है. दर्शनशास्त्र के कन्वीनर की मानें तो बीए दर्शनशास्त्र में अप्लाइड एथिक्स और एप्लाइड योगा दो ने माइनर विषय होंगे. यानी किसी भी फैकल्टी का छात्र इन पेपरों को पढ़ सकेगे. उनकी मानें तो अप्लाइड योगा में भारतीय योग संस्कृति और दर्शन पढ़ाया जाएगा. इसमें सहज योग, हठयोग, विपश्यना और कुंडलिनी पढ़ाई जाएगी.

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साल 2015 में प्रकाशित 142 पेज की इस पुस्तक में हठ साधना, आसन, प्राणायाम आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है. इनके अलावा विष्णु प्रभाकर, कुंवर बेचैन, सुदामा पांडेय को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है. बोर्ड आफ स्टडीज बैठक में कालजयी गजलकार दुष्यंत कुमार, शमशेर बहादुर सिंह व गीतकार संतोष आनंद जैसी विभूतियों को बीए हिंदी में दो दिन पूर्व शामिल किया गया था. दर्शनशास्त्र विषय के समन्वयक डा. डीएन सिंह ने बताया कि योग और ध्यान के लिए यह पुस्तक स्नातक में तीनों साल के छात्रों के लिए प्रैक्टिकल में उपयोगी है.