Chandauli Assembly Chunav : बिहार की सीमा से सटा चंदौली है प्रदेश का प्रवेशद्वार

उत्तर प्रदेश में वाराणसी मंडल के चंदौली जिले की सैयदराजा विधानसभा सीट बेहद अहम मानी जाती है.

उत्तर प्रदेश में वाराणसी मंडल के चंदौली जिले की सैयदराजा विधानसभा सीट बेहद अहम मानी जाती है.

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Pradeep Singh
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बृजेश सिह और सुशील सिंह( Photo Credit : फाइल फोटो.)

चंदौली के चार विधानसभा सीटों के लिए सातवें चरण में सात मार्च को मतदान होना है. जैसे जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है. सभी पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही हैं. भाजपा ने चंदौली में पूरी ताकत झोंक दी है. जिले में गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद अब तीन मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की सूचना है. भाजपा जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री का चंदौली में जनसभा होने की संभावना है. हालांकि अभी मिनट टू मिनट कार्यक्रम नहीं मिल पाया है. प्रधानमंत्री के आगमन की पूरी संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में तीन दिन के लिए आ रहे हैं. इसी दौरान वाराणसी से सटे और प्रदेश के आखिरी जनपद को साधने के लिए यहां आ सकते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में चंदौली के चार सीटों में तीन सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी.

चंदौली जिले की इस सीट पर बजता है बाहुबली का डंका 

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उत्तर प्रदेश में वाराणसी मंडल के चंदौली जिले की सैयदराजा विधानसभा सीट बेहद अहम मानी जाती है. यह विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा पर है. इस क्षेत्र को उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल का प्रवेश द्वार भी माना जाता है. यहां के लोग कृषि पर आधारित हैं. पहले इस विधानसभा क्षेत्र का नाम चंदौली था. परिसीमन के बाद इसका नाम बदलकर सैयदराजा किया गया. इस सीट पर 7 मार्च को मतदान है. नतीजों का ऐलान 10 मार्च को होगा.

सैयदराजा सीट से 1952 में पहली बार कांग्रेस पार्टी के पंडित कमलापति त्रिपाठी विधायक चुने गए थे. वो प्रदेश के मुख्यमंत्री और रेल मंत्री भी रहे. वक्त गुजरा और इस इलाके की राजनीति को राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाने लगा. 2002 के चुनाव में बसपा के शारदा प्रसाद ने सपा के राम उजागर गोंड को हराकर जीत हासिल की थी. 2007 में भी शारदा प्रसाद ने जीत दर्ज की. 2012 में सीट का नाम सैयदराजा कर दिया गया.

2012 में निर्दलीय प्रत्याशी मनोज सिंह डब्लू ने जेल से ही लड़े थे. उन्होंने बाहुबली बृजेश सिंह को हराया. 2017 के चुनाव में बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह मैदान में उतरे. उन्होंने चाचा की हार का बदला लिया. 2017 के विधानसभा चुनाव में सैयदराजा में त्रिकोणात्मक लड़ाई हुई थी. इसमें सपा, भाजपा और बसपा शामिल थी. 2017 मोदी लहर में यह सीट भाजपा की झोली में गई और सुशील सिंह जीते.

Source : News Nation Bureau

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